ईडी ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामले में 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की की जब्ती, जानिए पूरी जानकारी

इंदौर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े मामले में कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां अटैच की हैं। यह संपत्तियां महू के सट्टेबाजों मनोज मालवीय, लोकेश वर्मा और निखिल हलभवी उर्फ अजय रतन राजपूत से जुड़ी हुई हैं, जो अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के कारोबार में शामिल थे।
ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए गोरखधंधा फैलाया गया
ईडी के मुताबिक, इस मामले की जांच मध्य प्रदेश पुलिस की एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। जांच में सामने आया कि धनगेम्स और सट्टा मटका जैसे अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स मध्य प्रदेश, कर्नाटक और अन्य इलाकों में चलाए जा रहे थे। इन ऐप्स के जरिए लोग मोबाइल नंबर के जरिए पंजीकरण कर सट्टेबाजी में शामिल हो रहे थे। उपयोगकर्ताओं को यूपीआई के जरिए पैसे ट्रांसफर करने की अनुमति थी। इन अवैध ऐप्स से उत्पन्न धन को लोकेश वर्मा और मनोज मालवीय द्वारा फर्जी बैंक खातों के जरिए सफाया किया जाता था। इन बेनामी खातों में अपराध की आय छिपाकर उसे संपत्ति खरीदने में इस्तेमाल किया जाता था।
ईडी का एक्शन: पहले ही की थी 8.89 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
ईडी की कार्रवाई में खुलासा हुआ कि इस पूरे सट्टेबाजी के धंधे का मास्टरमाइंड लोकेश वर्मा है, जिसका घर महू के गुजरोखेड़ा में है। दो साल पहले, ईडी ने लोकेश वर्मा के घर पर छापा मारा था और 8.89 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी, साथ ही 46 लाख रुपये नकद भी जब्त किए थे। लोकेश वर्मा ने नौकरी पर लड़कों को रखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन मटका सट्टा का कारोबार फैला दिया था। इसके अलावा, उसने कई फर्जी बैंक अकाउंट्स भी खोले थे। अक्टूबर 2020 में महू पुलिस ने गुजरोखेड़ा स्थित एक मकान पर छापा मारा, जहां से पुलिस ने 9 सटोरियों को गिरफ्तार किया और 1.33 करोड़ रुपये की रकम बरामद की। इस मामले में लोकेश वर्मा, विकास यादव, जितेन्द्र लोवंशी, हेमंत गुप्ता, सोनू गुप्ता, पलाश अभिचंदानी, शुभम कलमे, मुकेश अभिचंदानी और मनोज मालवीय को गिरफ्तार किया गया था।