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76,200 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा वधावन बंदरगाह

नई दिल्ली। बीते दो कार्यकाल में भारत में जलमार्ग के माध्यम से परिवहन कनेक्टिविटी को मजबूत करने में जुटी रही मोदी सरकार ने इस कार्यकाल की शुरुआत में ही एक बड़ा निर्णय किया है। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने महाराष्ट्र के वधावन में ऑल वेदर ग्रीनफील्ड पोर्ट (बंदरगाह) के निर्माण को स्वीकृति दे दी है।
सरकार ने दावा किया है कि यह बंदरगाह दुनिया के 10 सबसे शीर्ष बंदरगाहों में शुमार होगा। इस पोर्ट के निर्माण में 76,200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। आर्थिक गतिविधियों में इस पोर्ट की भूमिका अहम होगी। इसके माध्यम से रोजगार के 10 लाख से भी अधिक अवसर सृजित होंगे। इसके लिए जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी और महाराष्ट्र मैरिटाइम बोर्ड की एसपीवी गठित की गई है। यह क्रमश: 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत के अंशधारक होंगे। 76,200 करोड़ रुपये की कुल लागत में भूमि अधिग्रहण भी शामिल है। मुख्य आधारभूत संरचना, टर्मिनल, व्यावसायिक ढांचा आदि का विकास पीपीपी मोड पर किया जाएगा। कैबिनेट ने नेशनल हाईवे से रोड कनेक्टिविटी और डेडिकेटेड रेल फ्रेट कारिडोर से इस पोर्ट को रेल नेटवर्क लिंक देने की भी मंजूरी दे दी है। सरकार द्वारा बताया गया है कि 298 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता वाले इस बंदरगाह एक-एक हजार मीटर लंबे नौ कंटेनर टर्मिनल भी बनाए जाएंगे।
दस लाख रोजगार के अवसर तैयार होंगे
इस बंदरगाह इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनामिक कॉरिडोर और इंटरनेशनल नार्थ साउथ ट्रांसपोर्टेशन कॉरिडोर के माध्यम से व्यापार में भी सहायक सिद्ध होगा। सरकार को उम्मीद है कि पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम में शामिल यह बंदरगाह बन जाने के बाद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दस लाख रोजगार के अवसर तैयार होंगे।

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