लाइफ स्टाइल

कैंसर का रिस्क बढ़ाती हैं ये चीजें

नई दिल्ली। हमारे घर, जो सुरक्षा और आराम की जगह होते हैं, कई बार अनजाने में कुछ ऐसे खतरों को भी छिपाए रखते हैं जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनमें से एक बड़ा खतरा है कैंसर। कई बार हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजें, जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते, कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके कारणों में कई फैक्टर्स शामिल होते हैं। आइए जानते हैं ऐसी 10 कॉमन चीजों के बारे में, जिनका इस्तेमाल हम लगभग रोज करते हैं, लेकिन इनसे कैंसर का रिस्क बढ़ता है।

नॉन-स्टिक कुकवेयर

नॉन-स्टिक कुकवेयर में टेफ्लॉन नाम का एक केमिकल होता है। जब इन बर्तनों को बहुत ज्यादा गर्म किया जाता है, तो यह केमिकल हवा में घुल सकता है और सांस लेने पर हमारे शरीर में घुस सकता है। यह केमिकल फेफड़े के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

प्लास्टिक के बर्तन और बोतलें

प्लास्टिक के बर्तन और बोतलों में BPA नाम का एक केमिकल होता है। जब गर्म खाने या लिक्विड्स को प्लास्टिक के बर्तनों में रखा जाता है, तो यह केमिकल खाने में मिल जाता है और उनके जरिए हमारे शरीर में आ सकता है। BPA ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और हार्ट डिजीज से जुड़ा हुआ है।

एल्यूमिनियम फॉइल

एल्यूमिनियम फॉइल का इस्तेमाल खाने को पैक करने और पकाने के लिए किया जाता है, लेकिन एल्यूमिनियम फॉइल में मौजूद एल्यूमिनियम हमारे शरीर में जमा हो सकता है और अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों के साथ-साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है।

प्लास्टिक के चॉपिंग बोर्ड

प्लास्टिक के चॉपिंग बोर्ड पर कटे हुए फूड्स से बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक चीजें चिपक जाती हैं। बार-बार इस्तेमाल होने से इनमें खरोंच लग जाती है, जिससे बैक्टीरिया और ज्यादा आसानी से पनपते हैं। साथ ही, इनसे प्लास्टिक के बेहद बारीक टुकड़े भी हमारे खाने में जा सकते हैं। इन बोर्ड्स में मौजूद केमिकल भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

रिफाइंड शुगर

रिफाइंड शुगर खाने से मोटापा बढ़ाता है और मोटापा कई प्रकार के कैंसर का रिस्क फैक्टर है। इसके अलावा, रिफाइंड शुगर इंसुलिन के लेवल को बढ़ाती है जो कैंसर सेल्स के विकास को बढ़ावा दे सकती है।

ई-सिगरेट और हुक्का

ई-सिगरेट और हुक्का में कई हानिकारक केमिकल होते हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। इनमें कार्बन मोनोऑक्साइड, कैडमियम, अमोनिया, रेडॉन और अन्य कई केमिकल शामिल हैं। इनसे माउथ और लंग कैंसर का खतरा बढ़ता है।

टी बैग

टी बैग में एपिक्लोरोहाइड्रिन नाम का एक केमिकल होता है, जो गर्म पानी में घुल जाता है और कैंसर का कारण बन सकता है।

पेंट और साफ-सफाई के प्रोडक्ट्स

कई पेंट और साफ-सफाई की चीजों में बेंजीन, फॉर्मेल्डिहाइड और टोल्यूनि जैसे खतरनाक केमिकल होते हैं, जो लंबे समय तक कॉन्टेक्ट में रहने वालों के लिए कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

मोमबत्तियां

कुछ प्रकार की मोमबत्तियों में हानिकारक केमिकल होते हैं जो जलने पर हवा में छोड़े जाते हैं। इन केमिकलों के सांस लेने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

घर की धूल

घर की धूल में कई प्रकार के प्रदूषक होते हैं, जिनमें मेटल, कीटनाशक और अन्य केमिकल शामिल होते हैं। इन प्रदूषकों के लंबे समय तक कॉन्टेक्ट में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

कैंसर से बचाव के लिए आप क्या कर सकते हैं?

  • हेल्दी खाना- ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम फैट वाली चीजों को डाइट में शामिल करें।
  • फिजिकल एक्टिविटी- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं।
  • स्मोकिंग न करें- स्मोकिंग कैंसर का सबसे बड़ा कारण है।
  • प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करें- प्लास्टिक की जगह कांच या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
  • घर को साफ रखें- नियमित रूप से घर की सफाई करें और धूल को हटाएं।
  • नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें- जहां तक हो सके, केमिकल प्रोडक्ट्स को अवॉइड करें और नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
  • नियमित हेल्थ चेकअप- नियमित रूप से डॉक्टर से कुछ जरूरी टेस्ट्स करवाएं।

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