
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक मां को अपने बेटे की जान को खतरा महसूस हुआ तो वह खुद उसे लेकर एसपी ऑफिस जा पहुंची। मां का कहना है कि उसने बड़ी उम्मीदों से बेटे की शादी की थी, लेकिन कुछ ही दिनों में ऐसा लगने लगा जैसे बहू के इरादे ठीक नहीं हैं। बेटे की ज़िंदगी बचाने के लिए मां को पुलिस की मदद लेनी पड़ी।
“शादी के बाद पता चला, बहू तो पहले से ही किसी और से जुड़ी हुई थी” – जानकी अहिरवार नाम की महिला ने अपने बेटे राहुल अहिरवार की शादी करीब एक महीने पहले बिहार के औरंगाबाद जिले की लड़की निक्की से करवाई थी। यह शादी गांव के ही एक शख्स संजू अहिरवार ने 80,000 रुपये लेकर कराई थी। शुरुआत के कुछ दिन सबकुछ सामान्य चला, लेकिन जल्द ही परिवार को शक होने लगा।जानकी ने बताया कि उसकी बहू अक्सर किसी लड़के से वीडियो कॉल पर बात करती है। बाद में राहुल ने खुद बताया कि उसकी पत्नी ने कबूल किया है कि वह पहले से ही किसी लड़के के साथ प्रेम-प्रसंग में थी और दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी हो चुके हैं। राहुल ने यह भी कहा कि उसकी पत्नी लगातार दबाव बना रही है कि वह उसके साथ बिहार चलकर रहे।
“डर लग रहा है कि मेरी बहू कहीं मेरे बेटे को मार न दे” – मां ने पुलिस से लगाई गुहार – जानकी अहिरवार का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से मोबाइल और न्यूज चैनलों पर लगातार देख रही है कि बहुएं अपने पतियों को जान से मार रही हैं। कोई पति को ड्रम में भर कर मार रहा है, तो कोई साजिश से रास्ते से हटा रही है। इसी डर के चलते जानकी को लगने लगा कि उसकी बहू भी उसके बेटे के साथ कुछ गलत कर सकती है।राहुल भी अब डर के साए में जी रहा है। उसे अपनी पत्नी की नीयत पर शक है और वह किसी अनहोनी की आशंका से परेशान है। राहुल ने बताया, “मेरी पत्नी मुझे कहती है कि वह मुझसे प्यार नहीं करती, उसका किसी और से रिश्ता है। अब वह मुझे भी पसंद नहीं करती और जबरन बिहार ले जाकर कुछ गलत कर सकती है।”
एसपी ऑफिस में सुनाई आपबीती, पुलिस ने दिया भरोसा – जानकी और राहुल दोनों अपने डर को लेकर छतरपुर एसपी ऑफिस पहुंचे। वहां उन्होंने एडिशनल एसपी विदिता डगर को पूरे मामले की जानकारी दी। मां-बेटे ने पुलिस से गुहार लगाई कि उन्हें सुरक्षा दी जाए और बहू पर जांच हो।एडिशनल एसपी ने पूरा मामला गंभीरता से सुना और हर संभव मदद का भरोसा दिया। पुलिस ने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे और राहुल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
क्या है समाज के लिए संदेश – यह मामला कई सवाल खड़े करता है – क्या आजकल की शादियों में सिर्फ रिश्तेदारों की बातों पर भरोसा कर लेना काफी है? क्या युवाओं की निजी जिंदगी की जांच शादी से पहले नहीं होनी चाहिए? क्या माता-पिता को शादी तय करते वक्त ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए ,इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात यही है कि एक मां ने बेटे की जान को खतरे में देखा और बिना देर किए पुलिस का दरवाजा खटखटाया। यह कदम साहसी भी है और समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि अब रिश्तों की पारदर्शिता पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो गई है।