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Special reports : अधिसूचना के पहले कई ने शुरू की चहल कदमी दिग्गज

तेज गर्मी में बहाएंगे पसीना

रायपुर। देश में होने वाले आम चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दल में गतिविधियां तेज हो गई है। प्रचार प्रसार के साथ रणनीतिकार तैयारी कर रहे हैं, वही जिन प्रत्याशियों की टिकट फाइनल हो गई है उनके द्वारा तैयारी तेज कर दी गई है। अब छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट के लिए दिग्गज तेज गर्मी में पसीना बहाने के लिए मैदान में चहल कदमी करते नजर आने लगे हैं। वातानुकूलित कक्षा से बाहर आकर आम लोगों के बीच वोट की अपील के लिए आमना-सामना का दौर शुरू हो गया है। आरोप-प्रत्यारोप जुमलेबाजी और सीधा निशाना लगाने वाली बातें भी खुलकर होने लगी है। कुल मिलाकर यह कर सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में 2024 लोकसभा चुनाव का माहौल दिखलाई पडऩे लगा है। आम लोगों में भी टिकट बंटवारे और प्रत्याशी को लेकर चर्चाएं चल रही है। इन चर्चाओं में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के द्वारा घोषित उम्मीदवारों को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है।छत्तीसगढ़ की हॉट सीट राजनांदगांव, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा जांजगीर चांपा की सर्वाधिक चर्चा है। लोगों में उत्साह है प्रत्याशियों में धड़कन तेज हो रही है, रायपुर लोकसभा सीट की चर्चा काफी है। इसमें भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधायक बृजमोहन अग्रवाल को टिकट देकर भाजपा ने एक बड़ी चुनौती पेश की है। उनके विरुद्ध कांग्रेस की ओर से पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया गया है। चर्चा यह है की बृजमोहन अग्रवाल के समक्ष मिलने वाली कांग्रेस की चुनौती को कमजोर कहा जाने लगा है, जबकि स्वयं प्रत्याशी विकास उपाध्याय की बात करें तो उन्होंने दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया है कि कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता रायपुर लोकसभा सीट के लिए मेहनत करेगा और परिणाम बदल दिया जाएगा। इतिहास बदल दिया जाएगा विकास के चेहरे और जुबान से तेज हैं इसलिए यह बातें खुलकर कह रहे हैं, पर कहीं ना कहीं उनके अंदर मन में एक शंका भी चल रही है, क्या बृजमोहन को हराया जा सकता है ? भारतीय जनता पार्टी के सबसे अनुभवी आठ बार के विधायक को भाजपा ने मौका दिया है, मतलब साफ है कि भाजपा को पता है कि रायपुर के अंदर बृजमोहन अग्रवाल को पराजित कर पाना मुश्किल है लेकिन कहा जाता है जो जीता वही सिकंदर अंतिम गेंद में छह रन मारकर जीत जीतने वाला खिलाड़ी शहंशाह कहलाता है, इसलिए विकास उपाध्याय की चुनौती को कमजोर नहीं समझ जाना चाहिए । वह एक ताकतवर और सुलझे हुए राजनेता है बृजमोहन को कड़ी टक्कर मिलेगी। यह सुनिश्चित हो जाना चाहिए कई चर्चाओं में यह बात भी खुलकर सामने आ रही है अब कांग्रेसी कितना साथ देते हैं। यह विकास के सोच और चिंतन पर निर्भर करेगा। दूसरी बड़ी बात जांजगीर चांपा की है जहां से कांग्रेस ने शिव डहरिया को उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा ने यहां से श्रीमती कमलेश जांगड़े को उम्मीदवार बनाया है जातिगत समीकरण की दृष्टि से काफी लाभप्रद दिखता है। कमलेश जांगड़े की चुनौती को डॉक्टर शिव डहरिया स्वीकार करते हैं। देखना होगा हाल ही में विधानसभा चुनाव के अंदर आरंग विधानसभा क्षेत्र में एक युवा भाजपा नेता ने डॉक्टर शिव डहरिया को पराजित किया है। यह लोकप्रिय काफी चर्चा में रहेगी। इसके बाद छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक चर्चा वाली सीट राजनांदगांव लोकसभा सीट है, जहां से प्रदेश के पूर्व चीफ मिनिस्टर भूपेश बघेल कांग्रेस को प्रतिनिधित्व लेकर मैदान में है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने संतोष पांडे को उम्मीदवार घोषित किया है जो पहले से सांसद हैं। आपको बता दें बीजेपी ने 11 लोकसभा सीट में से 7 सीट पर परिवर्तन किया था लेकिन राजनांदगांव सीट में बिना परिवर्तन के संतोष पांडे को फिर से उम्मीदवारी दी है। इसलिए पूर्व चीफ मिनिस्टर भूपेश बघेल और संतोष पांडे के बीच काफी जोरदार मुकाबला होगा। वहीं कई और चर्चाओं में कोरबा से कांग्रेस की प्रत्याशी डॉक्टर ज्योत्सना महंत का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की तेज तर्रार नेत्री सरोज पांडे से होगा। दोनों ही नेत्री में एक विशेषता है, डॉक्टर ज्योत्सना महंत संयम और मधुरता के साथ बातचीत रखने में माहिर हैं और वर्तमान में कोरबा से सांसद हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सरोज पांडे एक मुखर और तेज प्रवृत्ति की नेत्री हैं। ऐसे में कोरबा लोकसभा सीट में परिणाम चौंकाने वाली होंगे। माना जा सकता है कि छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट में 6 लोकसभा सीट में जोरदार और निकटतम मुकाबला तय हो चुका है। हालांकि अभी कांग्रेस को पांच लोकसभा सीट के प्रत्याशी घोषित करना है। लेकिन भाजपा ने 11 लोकसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित कर तैयारी शुरू कर दी है । शायद कांग्रेस को उनके विरुद्ध उम्मीदवार ढूंढने में पसीना बहाना पड़ रहा है। अप्रैल और मार्च में कांग्रेसियों और भाजपाइयों को अवश्य पसीना बहाना होगा। लेकिन भाजपा के पास मोदी का मंत्र है कांग्रेस के पास राहुल का तंत्र है। कौन जीत दिला पता है आने वाला वक्त तय करेगा।

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