Special Reports : प्रदेश केलाडले सांसदों की कट सकती है टिकट
रायपुर । लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल चुनाव तैयारी शुरू करती है। एक तरफ आखिर राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निरंतर देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर इंडिया गठबंधन के लिए तैयारी कर रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के कई सहयोगी दलों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने भी तैयारियां तेज की है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों से वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपनी बातें पहुंच रहे हैं और उन राज्यों को उपकृत कर केंद्र सरकार की योजनाओं से और राज्यों की मांग को पूरा करते दिखलाइ दे रहे हैं।
चर्चा के इस कॉलम में छत्तीसगढ़ में सांसदों में किसे टिकट मिलेगी, किसे नहीं मिलेगी, यह संसार बना हुआ है। पिछली बार 2019 में लोकसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस के दो सांसद जीत दर्ज की थी जबकि 9 सांसद भारतीय जनता पार्टी से जीत कर आए थे। ऐसे में कांग्रेस के पास नए चेहरे को उतारने के लिए काफी मौका है। बस्तर से सांसद दीपक बैज कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार होंगे यह सुनिश्चित है । कोरबा से सांसद ज्योत्सना महंत की दावेदारी भी तय है। बड़ा उलटफेर भारतीय जनता पार्टी में होने जा रहा है । वर्तमान 9 संसद में से 5 सांसद ही की टिकट दी जा सकती है, जिसमें सरगुजा से भारतीय जनता पार्टी सांसद रेणुका सिंह फिर उम्मीदवार होंगी। वहीं राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडे की भी दावेदारी निश्चित है। रायपुर से सांसद सुनील सोनी की दावेदारी को चुनौती मिल सकती है और उनके स्थान पर नए दावेदार ले जा सकते हैं । भाजपा में वरिष्ठ प्रवक्ताओं के साथ कई नाम है जिन्हें विधानसभा चुनाव में मौका नहीं मिल पाया है उनमें से रायपुर सीट पर मौका दिया जा सकता है। यानी की सांसद सुनील सोनी रायपुर का चेहरा होंगे यह कह पाना कठिन लग रहा है। बिलासपुर से भाजपा सांसद बेदूराम कश्यप के स्थान पर भी पार्टी ने नया उम्मीदवार तलाश किया है जिसकी अधिकृत घोषणा जल्द हो जाएगी। इतिहास से बिलासपुर को भी एक नया चेहरा मिलेगा। महासमुंद से सांसद चुन्नीलाल साहू के सामने कई दावेदारों ने दावेदारी पेश की है, इसमें अमली पदर से भाजपा नेत्री विभा अवस्थी का नाम लिया जा रहा है जो इस समय प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा में प्रदेश महामंत्री के पद पर हैं और काफी समय से महासमुंद से उम्मीदवारी की चर्चा करती रही है। विशेष कर देवभोग अमलीपदर क्षेत्र में आदिवासी जनजाति के विकास में काफी काम कर योगदान किया, पार्टी उम्मीदवारी दे सकती है । जांजगीर-चांपा से गुहाराम अजगले , कांकेर से मोहन मांडवी और दुर्ग से सांसद विजय बघेल को दोबारा चुनौती दी जा सकती है। सांसद विजय बघेल ने अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कड़ी टक्कर दी है और भाजपा के तेज तर्रार नेता माने जाते हैं । दुर्ग सांसद क्षेत्र में काफी लोकप्रियता है इसलिए 2024 की दुर्गा सभा सीट से विजय बघेल की टिकट निश्चित है। जिन स्थानों में परिवर्तन होने वाले हैं उनमें बिलासपुर, रायपुर, कोरबा, कांकेर , महासमुंद शामिल है। जहां भाजपा परिवर्तन कर सकती है और नए चेहरों को मौका दे सकती है। यहां इन स्थानों पर कांग्रेस वापसी करने के लिए नए चेहरे को उतार सकती है। पिछले 2019 में पराजय स्वीकार कर चुके उम्मीदवार को कांग्रेस मौका नहीं देना चाहती, जबकि केंद्र में वापसी के लिए और प्रदेश में 11 की 11 सीट जीतने के लिए या जरूरी है कि ऐसा चेहरा दिया जाए जो जितने का दावा कर सके। फिलहाल सभी राजनीतिक दलों में तैयारी के साथ विचार मंथन का दौर राष्ट्रीय स्तर से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक बना हुआ है। पिछले दिनों प्रदेश के वर्तमान सीएम भाजपा के लिए टारगेट लेकर लौटे हैं।