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International News : बहरीन में 200 साल पुराने श्रीनाथ मंदिर का होगा पुनर्निर्माण, सरकार ने दी अनुमति

International News : बहरीन में 200 साल पुराने श्रीनाथ मंदिर का होगा पुनर्निर्माण, सरकार ने दी अनुमति

बहरीन।  बहरीन में लगभग 200 साल पहले निर्मित भगवान श्रीनाथ जी के मंदिर का जीर्णोद्धार जल्द होगा। मंदिर को नया रंग-रूप देने की स्वीकृति 24-25 अगस्त, 2019 को PM मोदी की बहरीन यात्रा से बने माहौल के कारण मिली है। बहरीन की राजधानी मनामा का पालिका प्रशासन जीर्णोद्धार प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने में जुटा है। बहरीन पहला ऐसा मुस्लिम देश है, जहां बने मैत्रीपूर्ण माहौल के कारण दो मंदिरों का जीर्णोद्धार-विस्तार एक साथ होने जा रहा है।
मालूम हो कि 14 फरवरी को ही संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का भव्य उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। अबू धाबी के बाद अब बहरीन में सनातन का सूर्य और तेजी से चमकने जा रहा है। समय के साथ यहां का श्रीनाथ जी का मंदिर पुराना हो चुका है। लंबे समय से मंदिर के प्रबंध से जुड़े लोग इसके जीर्णोद्धार की अनुमति लेने की कोशिश में लगे थे, लेकिन इसे आधार मिला साढ़े चार वर्ष पहले प्रधानमंत्री की बहरीन की यात्रा के दौरान। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली बहरीन यात्रा थी। बहरीन के राजा (अब राष्ट्रपति कहे जाते हैं) शाह हमद बिन ईसा अल-खलीफा ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया था। पीएम मोदी मनामा के श्रीनाथ मंदिर गए और पूजन किया। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य की रूपरेखा सार्वजनिक की और आश्वस्त किया कि यह नए रंग-रूप में अवश्य बनेगा। मनामा प्रशासन ने मंदिर के जीर्णोद्धार प्रस्ताव को सहमति दे दी है। माना जा रहा है कि कुछ माह में यह मंदिर नए रंग-रूप में दिखने लगेगा।
मंदिर प्रबंध समिति से जुड़े विजय ठाकुर बताते हैं कि शासन ने प्रस्ताव को सहमति देकर हमें ऋणी कर दिया है। पुजारी जगदीश मुखिया तो अब भी वह पल संजोकर रखे हैं, जब पूजन के लिए पहुंचे पीएम मोदी ने उनका अभिवादन किया था। बहरीन में बिहार परिवार के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह बताते हैं कि यहां सभी धर्मावलंबियों को अपने मत-पंथ के अनुरूप पूजा-वंदना करने की छूट है।

स्वामीनारायण मंदिर के लिए निश्शुल्क मिली ढाई एकड़ जमीन
मनामा में ही स्वामीनारायण का मंदिर भी है। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोग काफी दिनों से प्रयास कर रहे थे कि कोई ऐसी जगह मिले जहां नए भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा सके। राजा ने ढाई एकड़ जमीन निश्शुल्क देने की सहमति दे दी। मंदिर प्रबंध समिति से जुड़े प्रफुल्ल और रमेश पाटीदार बताते हैं कि भारत-बहरीन संबंधों में मित्रता का भाव होने के कारण ही निश्शुल्क भूमि मिल सकी है।

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