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International News: नेपाल के प्रधानमंत्री की सहयोगियों से सत्ता साझेदारी में नहीं बना पाई सहमति

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड मंगलवार को सहयोगियों के साथ सत्ता साझेदारी समझौते पर सहमति बनाने में विफल रहे। उनकी सहयोगियों के साथ बातचीत बेनतीजा समाप्त हो गई। इससे नेपाली कांग्रेस के साथ नाटकीय तरीके से गठबंधन समाप्त करने के बाद प्रचंड सरकार की स्थिरता को लेकर अटकलें तेज हो गईं हैं।
प्रचंड ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मा‌र्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ नया गठबंधन बनाया है। संसद में संख्या बल के लिहाज से पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुआई वाली यह पार्टी दूसरे नंबर की है। इसके बाद सीपीएन-यूएमएल से पदम गिरी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी केंद्र) से हित बहादुर तमांग और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) से डोल प्रसाद अर्याल ने सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली।
सोमवार को नया गठबंधन बनाने के बाद चारों दल, सीपीएन (माओवादी केंद्र), सीपीएन-यूएमएल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और जनमत पार्टी आठ सूत्री समझौते पर पहुंचे। समझौते के अनुसार, चारों दल नेशनल असेंबली अध्यक्ष चुनाव में माओवादी सेंटर के उम्मीदवार का समर्थन करने पर सहमत हुए हैं और उपाध्यक्ष के लिए यूएमएल उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्णय लिया गया।
हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के बीच सत्ता साझेदारी पर सहमति नहीं बन पाने के कारण प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ नई गठबंधन सरकार के गठन के 24 घंटे बाद भी कैबिनेट सदस्यों को मंत्री पद बांटने में विफल रहे। सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से आनन-फानन में गठित हुए मंत्रिमंडल में प्रचंड ने गृह, रक्षा, विदेश और वित्त समेत 25 विभाग अपने पास रखे हैं।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सीपीएन-यूएमएल के चेयरमैन ओली, जनता समाजवादी पार्टी प्रमुख उपेंद्र यादव और आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने के साथ वार्ता की। हालांकि वार्ता बेनतीजा समाप्त हो गई। सीपीएन-यूएमएल के केंद्रीय सदस्य बिष्णु रिजाल ने बताया कि गठबंधन के सदस्यों के बीच मंगलवार शाम तक चर्चा चलने के कारण बुधवार तक कैबिनेट विस्तार पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि चारों पार्टियों के पास संसद में 142 सीटें है और यह बहुमत दिखाने के लिए पर्याप्त हैं।

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