
केरल की निसा उन्नीराजन ने सातवें प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 1000वीं रैंक हासिल करके साबित कर दिया है कि उम्र और शारीरिक सीमाएँ सपनों को पूरा करने में बाधा नहीं बनतीं। 35 साल की उम्र में उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की, और दो बच्चों की देखभाल के साथ-साथ इस मुश्किल काम को पूरा किया।
निसा का संघर्ष और सफलता – यह सफ़र निसा के लिए आसान नहीं था। कई बार असफलता का सामना करने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। हर असफलता ने उन्हें नया सबक सिखाया और अपनी तैयारी की रणनीति को बेहतर बनाने का मौका दिया। निसा खुद कहती हैं, “हर असफलता ने मुझे और मजबूत बनाया।” उन्होंने तिरुवनंतपुरम के एक निजी कोचिंग सेंटर से तैयारी की। कोट्टायम के उप-कलेक्टर रंजीत, जो खुद सुनने में विकलांग हैं, उनकी प्रेरणा का स्रोत बने। रंजीत की सफलता ने निसा को यह भरोसा दिलाया कि मजबूत इरादे से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
प्रेरणा और सकारात्मकता – अपनी मानसिक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए, निसा अपने दिन की शुरुआत प्रेरक आत्मकथाएँ पढ़ने, सफलता की कहानियाँ सुनने और मोटिवेशनल वीडियो देखने से करती थीं। यह अनोखा तरीका उन्हें हमेशा जोश से भर देता था और मुश्किल समय में भी आगे बढ़ने की हिम्मत देता था।
निसा की प्रेरणादायक यात्रा – निसा की यह यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए भी प्रेरणादायक है जो उम्र, असफलता या किसी भी बाधा को अपने सपनों के रास्ते में आने वाली दीवार समझते हैं। निसा की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए कभी देर नहीं होती, बस पहला कदम उठाना ज़रूरी है। उनकी लगन और दृढ़ संकल्प सभी के लिए एक प्रेरणा है।