नक्सलियों का खौफनाक फैसला: मुखबिरी के आरोप में दो ग्रामीणों को जनअदालत में सुनाई फांसी की सजा
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के अत्याचार की एक और भयावह घटना सामने आई है। नक्सलियों ने भैरमगढ़ क्षेत्र के जप्पेमरका गांव में जनअदालत आयोजित की, जिसमें पुलिस मुखबिरी के आरोप में दो ग्रामीणों की फांसी की सजा सुनाई गई और उनकी हत्या कर दी गई। इस जनअदालत का आयोजन नक्सलियों के भैरमगढ़ एरिया कमेटी ने किया था, जिसने हत्या की जिम्मेदारी भी ली है।
पिछले दो दिनों में, नक्सलियों ने जप्पेमरका गांव के तीन ग्रामीणों को पकड़कर जनअदालत में पेश किया। इनमें से दो को माड़वी सूजा और पोडियाम कोसा को मुखबिरी के आरोप में मौत की सजा दी गई। इनके शवों को फांसी पर लटका दिया गया, जिससे ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बन गया। वहीं, तीसरे ग्रामीण, जो एक छात्र था और मिरतूर छात्रावास में पढ़ाई कर रहा था, उसे निर्दोष मानते हुए रिहा कर दिया गया।
इस घटना ने नक्सलियों के जुल्म और उनके क्षेत्रीय नियंत्रण की कठोरता को एक बार फिर उजागर किया है। नक्सली संगठनों द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर स्थानीय ग्रामीणों में डर फैलाना और अपनी ताकत दिखाना एक सामान्य रणनीति बन चुकी है। यह भी दर्शाता है कि नक्सलियों का न्यायिक ढांचा कितना कठोर और निर्मम हो सकता है, जिसमें किसी भी आरोप को गंभीरता से लिया जाता है और उसे बेहद हिंसक तरीके से सजा दी जाती है।