
आजकल बाजार में मिलने वाले कई खाद्य पदार्थ शुद्ध नहीं हैं। खासकर पनीर, दूध और दूध से बनी मिठाइयों में मिलावट की समस्या आम हो गई है। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
मिलावट की स्थिति: दिल्ली-एनसीआर में हालात – भारत में खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में दिल्ली-एनसीआर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में खाद्य पदार्थों की जांच की गई, जिसमें 702 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए। इन नमूनों में से 83% पनीर के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि पनीर में मिलावट की जा रही है। खाद्य विभाग ने 2421 निरीक्षण और 520 छापे मारे, जिससे पता चला कि कई खाद्य पदार्थ खाने के लिए सुरक्षित नहीं हैं। दूध के 43 नमूनों में से 19 (44%) या तो घटिया पाए गए या असुरक्षित। इस जांच में हानिकारक रसायन और अज्ञात तरल पदार्थ भी मिले।
पनीर और दूध में मिलावट: स्वास्थ्य पर प्रभाव – पनीर और दूध में भारी मिलावट की जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। ऐसा पनीर खाने से किडनी और लिवर के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है, और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पनीर के 122 सैंपल लिए गए, जिनमें से 83% सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें हानिकारक केमिकल्स और अज्ञात तरल पदार्थ पाए गए। पनीर में स्टार्च, डिटर्जेंट, यूरिया और अन्य हानिकारक रसायन मिलाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं।
मिलावट की पहचान: घर पर कैसे करें जांच – आप घर पर भी कुछ आसान तरीकों से नकली पनीर की जांच कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, पनीर का एक छोटा टुकड़ा लेकर उसे 5 एमएल पानी के साथ उबालें। ठंडा होने पर उसमें 2 से 3 बूंद आयोडीन टिंचर डालें। अगर इसका रंग नीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें स्टार्च मौजूद है, जो मिलावट का संकेत है।
अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट- पनीर के अलावा, दूध और घी में भी मिलावट की दर चिंताजनक है। दूध के 43 सैंपल में से 19 असुरक्षित पाए गए, जबकि घी में मिलावट की दर 38% थी। अच्छी बात यह है कि बटर में कोई मिलावट नहीं पाई गई। स्टार्च, एरोरूट या मैदा के रूप में मिलाया जाता है, जिससे पनीर का वजन और कड़ापन बढ़ जाता है। इससे पनीर की पौष्टिकता कम हो जाती है और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।