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AAP का चौंकाने वाला फैसला, मेयर की रेस से खुद को किया बाहर!

दिल्ली मेयर चुनाव: आम आदमी पार्टी का चौंकाने वाला फैसला, तीन साल बाद मैदान से हटने की घोषणा दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा और हैरान कर देने वाला मोड़ आया है। आम आदमी पार्टी (AAP), जिसने पिछले तीन सालों से दिल्ली नगर निगम (MCD) में मेयर की कुर्सी संभाली हुई थी, इस बार खुद ही चुनाव से हटने का ऐलान कर दिया। आमतौर पर सत्ताधारी पार्टियां मेयर जैसे अहम पद के लिए पूरी ताकत झोंक देती हैं, लेकिन इस बार AAP ने बिल्कुल अलग रास्ता चुना है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि उनकी पार्टी न तो मेयर का चुनाव लड़ेगी और न ही डिप्टी मेयर का। उन्होंने इस फैसले के पीछे जो वजह बताई, वो अब दिल्ली की सियासत में एक नई बहस को जन्म दे रही है। बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए आतिशी का आरोप है कि बीजेपी पिछले ढाई सालों से आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “हम न तो किसी को खरीदते हैं, न ही बेचते हैं। लेकिन बीजेपी ने एमसीडी में बहुमत पाने के लिए हमारे पार्षदों को तोड़ा है। हम ऐसी राजनीति नहीं करते और न ही उसमें हिस्सा लेंगे।” AAP का चुनाव मैदान छोड़ने का फैसला आतिशी ने बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कहा कि AAP इस बार मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। उनका कहना था, “अब MCD में बीजेपी का बहुमत है, तो वे अपनी ट्रिपल इंजन की सरकार चलाएं। हम एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे, लेकिन इस तरह की जोड़तोड़ की राजनीति से दूर रहेंगे।”

सौरभ भारद्वाज ने भी रखी अपनी बात AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी इस फैसले को दोहराया। उन्होंने कहा, “2022 में हमारे पास बहुमत था, लेकिन अब नहीं है। और हम राजनीति में सौदेबाजी नहीं करते, इसीलिए चुनाव नहीं लड़ रहे।” उन्होंने कहा कि अब दिल्ली की पूरी जिम्मेदारी बीजेपी के कंधों पर है – चाहे बात सफाई की हो, ट्रैफिक की या फिर प्रदूषण की।
सौरभ ने आगे कहा, “जिस दिन से एमसीडी चुनाव का ऐलान हुआ है, उसी दिन से भाजपा सत्ता पाने की बेचैनी दिखा रही है। कभी चुनाव टालकर एकीकरण करना, कभी वार्डों का परिसीमन कर अपने फायदे के लिए नक्शा बदलवाना, तो कभी लगातार भ्रष्ट तरीकों से मेयर और स्थायी समिति के चुनाव जीतने की कोशिश करना – भाजपा ने कुछ नहीं छोड़ा। अब उनके पास केंद्र है, उपराज्यपाल हैं, दिल्ली सरकार भी है, और एमसीडी भी। अब उन्हें कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए और दिल्ली की जनता को दिखाना चाहिए कि प्रशासन चलाना कैसे होता है।”

बीजेपी का जवाबी हमला AAP के इस फैसले पर बीजेपी ने भी तीखा जवाब दिया है। दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि AAP को अच्छे से पता है कि अब उनके पास बहुमत नहीं है, इसलिए अब वे इस फैसले को त्याग की तरह पेश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगे चलकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो सकता है।
इस बीच, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एमसीडी वार्षिक चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है – सरदार राजा इकबाल सिंह को मेयर पद के लिए और जय भगवान यादव को डिप्टी मेयर के लिए उतारा गया है। आखिरी दिन आया फैसला 21 अप्रैल को नामांकन का आखिरी दिन था और ठीक इसी दिन आम आदमी पार्टी ने चुनाव से हटने की घोषणा कर दी। अब 25 अप्रैल को जब मेयर का चुनाव होगा, तो उसमें AAP हिस्सा नहीं ले रही है। तीन सालों तक AAP के पास रही मेयर की कुर्सी पिछले तीन सालों से दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का ही कब्जा रहा है। पहले दो सालों तक शैली ओबेरॉय और अली मोहम्मद इकबाल मेयर और डिप्टी मेयर बने रहे। इस साल रिजर्वेशन की वजह से महेश कुमार खींची मेयर बने।

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