छत्तीसगढ़ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन की मुहिम पॉलिथीन मुक्त शहर
रायपुर । आजकल पॉलिथीन का उपयोग हर जगह हो रहा है, जिसके कारण मानव प्रकृति के अनुदान से लाभान्वित होता गया उसके लोगों में बढ़ोतरी होती गई। प्रकृति का बिना ख्याल रखें कई मानवीय गतिविधियों में अविष्कार शुरू कर दिए गए, नतीजा प्रकृति को नुकसान होना शुरू हो गया। प्रकृति के नाम पर लोगों ने बहुत ज्यादा हस्तक्षेप शुरू कर दिया, इसका एक प्रभाव केरल में सामने आए लैंड स्लाइड को देखा जा सकता है। जिस प्रकृति को हमारे पूर्वजों ने एक अच्छा वातावरण दिया उसे पॉलिथीन की उपयोग से नष्ट किया जा रहा है। प्रकृति हमें तथा आने वाली पीढ़ी को अच्छा वातावरण देने के लिए तैयार है किंतु पॉलिथीन का उपयोग रोकना होगा। इसी दिशा में एक प्रयास एक अभियान छत्तीसगढ़ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने मुहिम के माध्यम से शुरू किया है ताकि शहर एवं प्रदेश को पॉलिथीन मुक्त बनाया जा सके। इसी दिशा में कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने राष्ट्रीय पेपर दिवस के अवसर पर शासकीय एवं गैर शासकीय विद्यालयों में जाकर जागरूकता लाने का प्रयास आरंभ कर दिया है। राष्ट्रीय पेपर दिवस 1 अगस्त को मनाया जाता है, लेकिन संगठन ने मुहिम की शुरुआत एक सप्ताह पूर्व शुरू कर दी है जिसकी अंतिम कड़ी 1 अगस्त को ऑक्सीजाेन में सुबह 7:00 बजे एकत्रित होकर निभाई जाएगी, जिसमें संगठन के सभी सदस्य पेपर के बने वस्त्र पहनकर भ्रमण करेंगे। तत्पश्चात मंदिर दर्शन किया जाएगा, बाद में वृक्षारोपण के साथ समापन होगा।
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ पेपर ट्रेडर्स संगठन के कोषाध्यक्ष नीरज मेघानी ने बताया कि प्रतिवर्ष संगठन राष्ट्रीय पेपर दिवस पर कार्यक्रम करते आ रहा है, उनका कहना था कि संगठन के माध्यम से पॉलिथीन मुक्त शहर करने के लिए आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है, इसी दिशा में शासकीय और गैर शासकीय विद्यालयों का चयन किया गया जहां के विद्यार्थियों को पॉलिथीन मुक्त शहर का संदेश देने के साथ कॉपियों का वितरण किया गया जिनकी संख्या चार से 5000 थी। उन्होंने बताया कि बच्चों को संदेश देते हुए कहा गया की पॉलिथीन का उपयोग न करें, कागज का उपयोग करें इसकी शुरुआत घर से ही की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में जागरूकता आ सके । श्री मेघानी ने कहा कि दो ग्रुपों में बट कर अभियान को चलाया गया जिसमें प्रत्येक ग्रुप को 10 शासकीय और गैर शासकीय स्कूलों में कॉपी वितरण का लक्ष्य दिया गया जिसे प्राप्त किया गया है और 5000 की संख्या में कॉपियों का वितरण हुआ है। जिन स्कूलों में यह कार्य हुआ उनमें देवेंद्र नगर शिशु मंदिर, वाधवा स्कूल डूमर तालाब, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सरस्वती शिशु मंदिर सहित विद्यालय शामिल रहे। श्री मेघानी ने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत संगठन के पूर्व अध्यक्ष श्री हरीश नचरानी के नेतृत्व में आरंभ हुई थी जो निरंतर चली आ रही है। वर्तमान में श्री नचरानी के सुपुत्र राहुल नचरानी के सदस्यता के साथ कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। संगठन में वर्तमान अध्यक्ष प्रकाश गर्ग सचिव शैलेंद्र सुखीजा सहित कोषाध्यक्ष नीरज मेघानी तथा अन्य सदस्य निरंतर कार्य कर रहे हैं ।
पेपर बनाने की विधि
कोषाध्यक्ष नीरज मेघानी बताते हैं कि कई लोगों में यह मानसिकता है कि पेपर पेड़ से बनाते हैं इस मानसिकता को दरकिनार करते हुए उन्होंने बताया कि कागज पतली चादर से बना एक पदार्थ होता है जिसका उपयोग कुछ लिखने में किया जाता है। यह स्कूल की कॉपियां, रजिस्टर के स्वरूप में पहुंचती हैं जिसमें चित्रकार के कार्य भी किये जाते हैं, यहां तक की किसी चीज को ढक कर रखने में भी उपयोग किया जाता है। कागज बनाने के लिए कच्चे माल के तौर पर बेकार कागज गेहूं का पावल या भूसा, गन्ने के छिलके, कपड़े के टुकड़े या अन्य रेशेदार सामग्री आदि का इस्तेमाल होता है। उनका कहना था कि कागज का निर्माण 70% वेस्ट पेपर 20% लकड़ी तथा 10% अन्य सामग्री से संबंधित है। इसे बनाने के लिए पेड़ पौधों से मिलने वाला सेल्यूलोज लकड़ी लुगदी का इस्तेमाल किया जाता है । पेपर रीसाइकिलेबल (कागज़ पुनर्चक्रणीय ) भी होता है। पेपर दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश कर, सचिव शैलेंद्र सुखीजा, कोषाध्यक्ष नीरज मेघानी पूर्व अध्यक्ष हरीश नचरानी, सदस्य राहुल नचरानी ने स्कूलों में कॉपी के वितरण में सहभागिता दी है।
वृक्षारोपण
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पेपर दिवस के अवसर पर काफी संख्या में वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी किया गया है। शासकीय और गैर शासकीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में पौधारोपण कार्यक्रम हुआ है। उनका कहना था कि एक कागज का टुकड़ा गवर्नर के हस्ताक्षर से नोट बन जाता है, इसी कागज के वजह से आज दुनिया चल रही है।