इंदौर की 14 छात्राएं बनेंगी अंतरिक्ष विज्ञान का हिस्सा, मिलेगी सैटेलाइट ट्रेनिंग

अब गांव-देहात की बेटियां भी पहुंचेंगी अंतरिक्ष तक, चंद्रयान-4 मिशन से जुड़ने का मिलेगा मौका
इंदौर: अब छोटे शहरों और गांवों की बेटियां भी अंतरिक्ष विज्ञान का हिस्सा बन सकेंगी। उन्हें चंद्रयान-4 मिशन से जुड़ने का सुनहरा मौका मिला है। ये बेटियां न सिर्फ अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में सीखेंगी, बल्कि खुद सैटेलाइट बनाने का अनुभव भी लेंगी। इंदौर की 14 छात्राओं का चयन इस खास अभियान के लिए किया गया है। ये सभी स्कूल की छात्राएं हैं और इन्हें 120 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियों को समझाया जाएगा। भारत की अंतरिक्ष उड़ान में बेटियां भी बनेंगी हमसफ़र भारत हर दिन अंतरिक्ष की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और अब बेटियां भी इस उड़ान में शामिल हो रही हैं। इसी मकसद से “मिशन शक्ति-सेट” लॉन्च किया गया है, जिससे लड़कियां भी अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक में आगे बढ़ सकें। यह मिशन स्पेस किड्स इंडिया ने तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 16 जनवरी को स्पेस किड्स इंडिया की संस्थापक और CEO डॉ. केशन ने की थी। इस मिशन के जरिए छात्राओं को शोध, इनोवेशन और लीडरशिप की भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जाएगा। 108 देशों की 12,000 छात्राएं होंगी हिस्सा, मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण मिशन शक्ति-सेट के तहत 108 देशों की लगभग 12,000 हाईस्कूल छात्राओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें भारत की 130 छात्राएं भी शामिल हैं। इसरो और इनस्पेस के वैज्ञानिक इन्हें 120 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण देंगे। इस ट्रेनिंग में अंतरिक्ष तकनीक, पेलोड निर्माण और यान प्रणालियों पर फोकस किया जाएगा। इसरो और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञ इसे तैयार कर रहे हैं, जिससे छात्राओं को अंतरिक्ष विज्ञान का असली अनुभव मिलेगा। चंद्रयान-2026 मिशन में निभाएंगी अहम भूमिका प्रशिक्षण पूरा होने के बाद हर देश से एक छात्रा को चुना जाएगा। इस तरह, 108 छात्राएं चंद्रयान-2026 मिशन का हिस्सा बनेंगी और अपना खुद का सैटेलाइट बनाकर अंतरिक्ष में भेजेंगी।
बेटियों के लिए खुलेंगे अंतरिक्ष में करियर के नए रास्ते भारत में इस अभियान की अगुवाई भारतीय वायुसेना की पूर्व पायलट और रिटायर्ड विंग कमांडर जया तारे कर रही हैं। उनका कहना है कि इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने की इच्छुक लड़कियों को गाइडेंस और मेंटरशिप मिलेगी। इस प्रोग्राम में 108 देशों की छात्राएं एक मंच पर आएंगी, जिससे वे एक-दूसरे से सीख सकेंगी और नए विचारों पर चर्चा कर सकेंगी। जया तारे का मानना है कि अगर इन बच्चियों को सही दिशा, प्रेरणा और गाइडेंस मिले, तो वे अंतरिक्ष विज्ञान में कमाल कर सकती हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकती हैं। मध्य प्रदेश से 15 छात्राओं का चयन, खरगोन की राशि चौरे भी शामिल इस मिशन के लिए इंदौर से 14 और खरगोन से 1 छात्रा राशि चौरे को चुना गया है। यानी, मध्य प्रदेश से कुल 15 बच्चियों को यह अनोखा मौका मिला है। इनका चयन विजय सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने किया है। सोसाइटी की संस्थापक माधुरी मोयदे ने बताया कि वे कई सालों से शिक्षकों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर बच्चियों को कौशल सिखाने के लिए काम कर रही हैं। इसी कोशिश का नतीजा है कि इन छात्राओं को इस मिशन के लिए चुना गया है। कैसे हुआ इन छात्राओं का चयन? मिशन के लिए चुनी गई सभी छात्राएं सरकारी स्कूलों से हैं। इनका चयन टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर हुआ है। इनमें ज्यादातर छात्राएं बाल विनय मंदिर, सांदीपनि और पीएमश्री स्कूलों से हैं।
चयनित छात्राओं की सूची
✅ इंदौर से: तान्या यादव, कुशी तायड़े, कृष्णा खाजेकर, आरती पवार, अक्षरा जैन, शीतल मोरे, सुहानी मेश्राम, मुस्कान कैरो, निधि शर्मा, कलश जैन, दर्शना शर्मा, सुजाता इंगले, गौरी भदौरिया, वंशिका सोलंकी
✅ खरगोन से: राशि चौरे
निष्कर्ष मिशन शक्ति-सेट भारत की बेटियों को अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है। इस पहल से न सिर्फ बच्चियों को वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे चंद्रयान-2026 मिशन में भी अपनी अहम भूमिका निभाएंगी। यह साबित करेगा कि अगर बेटियों को सही अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो वे अंतरिक्ष तक भी उड़ान भर सकती हैं। 🚀✨