
डिसमिस एएसआई का कार चोरी गैंग, दो गिरफ्तार, एक फरार
लुधियाना – पंजाब पुलिस से बर्खास्त हुए एएसआई ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कार चोरी का गिरोह बना लिया। साहनेवाल थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली और कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को हरियाणा से चोरी की गई कार के साथ गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीसरा आरोपी भागने में कामयाब हो गया।
कौन-कौन हैं आरोपी?
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमनदीप सिंह (डिसमिस एएसआई) और उसके साथी गनीतपाल सिंह के रूप में हुई है। तीसरा आरोपी मनतेज सिंह फरार है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
पुलिस अधिकारी गुरमीत सिंह के मुताबिक, 23 मार्च को वह पुलिस पार्टी के साथ साहनेवाल चौक पर मौजूद थे, तभी सूचना मिली कि तीनों आरोपियों ने हरियाणा से कार चोरी कर उस पर बाइक का नंबर लगा दिया है और उसे बेचने की फिराक में हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने टिब्बा नहर पुल स्थित एक प्लॉट में रेड कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मनतेज भागने में सफल हो गया।
पुलिस अधिकारी का बेटा निकला आरोपी
जांच में पता चला कि आरोपियों ने हरियाणा के हिसार से वरना कार चुराई थी और उस पर मोहाली में रजिस्टर्ड बाइक का नंबर लगा दिया था। वे इस कार को बेचने के लिए एक शख्स से मिले, लेकिन जब खरीदार ने कार के दस्तावेज मांगे, तो उनके पास कोई कागज नहीं थे, जिससे सौदा रद्द हो गया। इसके बाद वे कार लेकर एक खाली प्लॉट में चले गए, जहां पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
गिरफ्तार अमनदीप सिंह के पिता पुलिस से रिटायर्ड डीएसपी हैं, जबकि मनतेज पर पहले से ही कई थानों में केस दर्ज हैं और वह भगोड़ा घोषित किया गया है।
अमनदीप सिंह कैसे बना अपराधी?
पुलिस के मुताबिक, अमनदीप सिंह 2006 में पंजाब पुलिस में एएसआई के पद पर भर्ती हुआ था और लुधियाना के एक थाने में तैनात था। लेकिन बार-बार गैरहाजिर रहने के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया। अब वह नशे का आदी हो चुका है और अपराध की दुनिया में उतर चुका है।
गनीतपाल कैसे जुड़ा गैंग से?
गिरफ्तार आरोपी गनीतपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि वह 20 दिन पहले ही अमनदीप और मनतेज के संपर्क में आया था। गनीतपाल ने 12वीं पास की है और आईलेट्स की तैयारी कर रहा था। फिलहाल उसकी और जानकारी जुटाई जा रही है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब फरार आरोपी मनतेज सिंह की तलाश कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गैंग ने कितनी गाड़ियां चुराई हैं और कहां-कहां बेची हैं।