खजुराहो एयरपोर्ट पर बाल-बाल बचे दो ट्रेनी पायलट, टेक्निकल फॉल्ट से खेतों में घुसा ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो एयरपोर्ट से एक ट्रेनी विमान हादसे की चौंकाने वाली खबर सामने आई है। रविवार को हुई इस घटना में दो ट्रेनी पायलट्स उस वक्त बाल-बाल बच गए जब उनका ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट उड़ान भरते ही अचानक तकनीकी खराबी की वजह से कंट्रोल खो बैठा और रनवे पर फिसलकर पास के खेतों में जा घुसा। यह हादसा VT–VPI रजिस्ट्रेशन नंबर वाले विमान के साथ हुआ, जो खजुराहो फ्लाइंग क्लब का हिस्सा था और नियमित प्रशिक्षण उड़ान के तहत उड़ा रहा था। विमान में दो पायलट थे जो टेक-ऑफ करते ही विमान में झटके महसूस करने लगे। फ्लाइट का बैलेंस बिगड़ने लगा और पायलट ने तुरंत ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से संपर्क कर इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत मांगी।
ATC से हरी झंडी मिलने के बाद जैसे-तैसे पायलट ने विमान को रनवे पर उतारने की कोशिश की, लेकिन लैंडिंग के दौरान टेक्निकल गड़बड़ी ने बड़ा रूप ले लिया और प्लेन रनवे पार कर खेतों में घुस गया। सौभाग्य से, दोनों पायलट सुरक्षित हैं और किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है।
लैंडिंग के वक्त खुला ही नहीं पिछला पहिया, गियर फेलियर बना बड़ा कारण – हादसे के बाद खजुराहो एयरपोर्ट प्रशासन ने एक जांच टीम गठित कर दी है, जो इस बात की पड़ताल करेगी कि आखिर यह तकनीकी खराबी कैसे हुई। खजुराहो एयरपोर्ट के प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार विमान के गियर सिस्टम में समस्या आई थी, खासकर पिछला लैंडिंग व्हील समय पर नहीं खुला, जिस वजह से विमान लैंडिंग के दौरान संतुलन नहीं बना सका। खास बात यह रही कि पायलट्स ने बेहद संयम और समझदारी से हालात को संभाला और विमान को एयरपोर्ट परिसर में ही लैंड कराया, जिससे बड़ा नुकसान होने से टल गया। हालांकि विमान को कुछ हद तक नुकसान जरूर पहुंचा है, लेकिन इंसानी जान की सुरक्षा सबसे अहम है।खजुराहो फ्लाइंग क्लब में नए पायलट्स को ट्रेनिंग दी जाती है और यह उड़ान भी ट्रेनिंग का ही हिस्सा थी। संतोष सिंह ने आगे कहा कि एयरपोर्ट पर सभी इमरजेंसी रिस्पॉन्स फैसिलिटी मौजूद हैं, और उसी की बदौलत समय रहते रिस्पॉन्स मिला और पायलट्स को कोई नुकसान नहीं हुआ।
हादसे से उठे सवाल: क्या उड़ानों में सुरक्षा पर देना होगा ज्यादा ध्यान – इस घटना ने एक बार फिर छोटे एयरक्राफ्ट्स और ट्रेनिंग उड़ानों की सेफ्टी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे विमानों में तकनीकी खामी की घटनाएं पहले भी देखी गई हैं, लेकिन हर बार मामला किस्मत से नहीं टलता।विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रेनी पायलट्स के लिए इस्तेमाल होने वाले एयरक्राफ्ट्स की रेगुलर जांच और मेंटेनेंस बेहद जरूरी है। इसके साथ ही ट्रेनिंग इंस्टीट्यूशंस को अपने सेफ्टी प्रोटोकॉल्स को और भी मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।हालांकि इस हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह एक चेतावनी है कि हम एयर सेफ्टी को लेकर और सतर्क रहें। जरा सी तकनीकी गड़बड़ी भी जान पर भारी पड़ सकती है।