HMPV के लक्षण और इससे बचाव के तरीके

नई दिल्ली। एक बार चीन दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। दरअसल, कोरोना के बाद अब यहां एक और वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ महीनों से यहां पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस तेजी से पैर पसार रहा है। इसी बीच अब भारत में इस वायरस की एंट्री हो चुकी है। देश के अब तक HMPV के 3 मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक में सामने आए दो मामलों के बाद अब अहमदाबाद में भी एक 2 महीने के बच्चे में इस वायरस की पुष्टि हुई है।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने खुद इन मामलों की पुष्टि की है। देश में इस वायरस के मामले सामने आने के बाद इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि, HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे साल 2001 में भी पहचान लिया गया था, लेकिन दशकों बाद इसके बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। इस वायरस की वजह से इन्फ्लूएंजा और आरएसवी जैसी रेस्पिरेटरी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इसके कुछ प्रमुख लक्षण और इससे बचाव करने के तरीकों के बारे में –
क्या है एचएमपीवी के लक्षण?
HMPV को चिंता का विषय इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि इसके लक्षण काफी हद तक फ्लू या आरएसवी के कारण होने वाले रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन की तरह ही होते हैं। ऐसे में इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसे में निम्न में से कोई भी लक्षण नजर आने पर इसे अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-
- लगातार नाक बंद रहना या फिर नाक बहना
- सूखी या गीली खांसी जो समय के साथ खराब हो सकती है
- हल्का या तेज बुखार होना
- गले में खराश, जलन और परेशानी होना
- सांस लेते समय घरघराहट की आवाज, एयरवेज में रुकावट का संकेत हो सकता है।
- सांस लेने में कठिनाई, खासकर गंभीर मामलों में।
- आराम करने के बाद भी लगातार थकान और कमजोरी।
- फेफड़ों में संक्रमण होना, जिसके के लिए मेडिकल केयर की जरूरत होती है
कैसे फैलता है यह वायरस?
- चीन में आतंक मचाने वाला और भारत में एंट्री करने वाला HMPV बेहद संक्रामक है, जो तेजी से फैल सकता है। यह वायरस निम्न तरीकों से फैलता है-
- संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों से।
- किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधा संपर्क में आने से।
- दूषित सतहों को छूने और फिर चेहरे, आंखों या मुंह को छूने से।
यह वायरस अन्य सीजनल रेस्पिरेटरी वायरस की तरह, सर्दियों के अंत और वसंत के महीनों में ज्यादा एक्टिव रहता है।
कैसे करें अपना बचाव?
इस वायरस के लेकर फिलहाल ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। साथ ही वर्तमान में इसके लिए कोई इलाज या वैक्सीन भी मौजूद नहीं हैं। ऐसे में इससे बचाव के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। आप निम्न तरीकों से इस वायरस से अपना बचाव कर सकते हैं-
- हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
- साबुन और पानी मौजूद न होने पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- जिस भी व्यक्ति में रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारी के लक्षण नजर आएं, उनसे दूर रहें।
- खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से कवर करें।
- दरवाजे के हैंडल, फोन और टेबल जैसी बार-बार छुई जाने वाली चीजों को रेगुलर से साफ करें।
- अपनी आंखों, नाक और मुंह को बार-बार अपने हाथों से छूने से बचें।
- अगर आपको अपने अंदर कोई लक्षण नजर आ रहा है, तो वायरस को फैलने से रोकने के घर पर ही रहें।
- हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और पूरी नींद के साथ एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें।