
दिल्ली में जीपीएस वॉटर टैंकर: अब पानी की सप्लाई पर सीधी नजर दिल्ली में पानी की सप्लाई को पारदर्शी बनाने और टैंकर माफिया पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को 1111 जीपीएस वाले पानी के टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये कदम दिल्ली में पानी की चोरी, ब्लैक मार्केटिंग और अव्यवस्था रोकने की दिशा में एक बड़ा और अहम फैसला माना जा रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश साहिब सिंह वर्मा के साथ मिलकर इन टैंकरों को निरंकारी कॉलोनी के डीडीए ग्राउंड से रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, “अब टैंकर वहीं जाएगा जहां उसे भेजा गया है। टैंकर माफिया की मनमानी अब खत्म होगी।” हर टैंकर में जीपीएस, आम लोग भी देख पाएंगे लोकेशन हर टैंकर में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है, जिससे उसकी रियल टाइम लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा। इसके लिए एक कमांड सेंटर बनाया गया है, जहां से सभी टैंकरों की मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। खास बात ये है कि आम लोग भी एक मोबाइल ऐप के जरिए ये देख सकेंगे कि कौन सा टैंकर कहां पानी दे रहा है। मंत्री कपिल मिश्रा ने जानकारी दी, “हर टैंकर में ये भी देखा जा सकेगा कि उसमें कितना पानी है और वो कहां-कहां गया है। अब कोई टैंकर माफिया पानी को इधर-उधर बेच नहीं पाएगा।”
साफ-सुथरे सिस्टम से पानी की किल्लत पर लगाम मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकार के दो महीने पूरे होने पर कहा, “हमारी सरकार की नीति साफ है – ईमानदारी और पारदर्शिता। अब पानी की चोरी या कमी के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। फ्लो मीटर और डिजिटल डैशबोर्ड से पूरे सिस्टम पर सीधी नजर रखी जाएगी।” मंत्री परवेश वर्मा ने बताया, “सरकार टैंकर का पूरा पेमेंट करेगी, लेकिन हर टैंकर को ट्रैक किया जाएगा कि वो सही जगह पहुंचा या नहीं। सेंसर से ये भी पता चलेगा कि टैंकर से पानी उतारा गया या नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लंबा प्लान यही है कि हर घर तक सीधे नल से पानी पहुंचे, ताकि टैंकरों की ज़रूरत धीरे-धीरे खत्म हो जाए। लेकिन फिलहाल गर्मियों में बढ़ती डिमांड को देखते हुए ये जीपीएस टैंकर तुरंत राहत देने का तरीका हैं। टैंकर माफिया के दिन अब खत्म मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सख्त लहजे में कहा, “अगर कोई टैंकर माफिया है भी, तो अब उसे दिल्ली छोड़नी पड़ेगी। सरकार का संदेश साफ है – करप्शन को एकदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” रेखा सरकार की ये पहल न सिर्फ दिल्ली के लोगों को वक्त पर पानी दिलाएगी, बल्कि ये एक ऐसा सिस्टम बनकर सामने आया है जो पारदर्शी भी है और टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ भी। ये मॉडल देश के बाकी राज्यों के लिए भी एक अच्छी मिसाल बन सकता है।