केजरीवाल ने खुद को पीड़ित दिखाने के लिए अपने सात सितारा रिसॉर्ट को जनता से छिपाए रखा: वीरेंद्र सचदेवा

Delhi BJP Kejariwal Sheeshmahal Virendra Sachdeva
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मंगलवार सुबह जारी एक वीडियो के माध्यम से आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के “आलीशान शीशमहल” के बारे में कुछ तथ्यों को उजागर किया। इसमें सचदेवा ने खुलासा किया कि किस तरह से केजरीवाल ने करदाताओं के पैसे से अपना महल बनवाया। सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपनी सादगी की छवि बनाए रखने के लिए जानबूझकर अपने सात सितारा रिसॉर्ट जैसे महल को जनता से छिपाए रखा। सचदेवा ने दोहराया कि शीश महल दिल्ली में भ्रष्टाचार का एक ज्वलंत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि महल की भव्य लाइटिंग और बाथरूम फिटिंग पर इतना धन खर्च किया गया, जितना 34 डीडीए ईडब्ल्यूएस फ्लैट, 15 एलआईजी फ्लैट, 150 सीएनजी ऑटो या रोजगार के लिए 326 ई-रिक्शा बनवाने में किया जा सकता था।
उन्होंने इसे विडंबना करार देते हुए कहा कि जिन केजरीवाल ने कभी दावा किया था कि वे सरकारी बंगलों, वाहनों या सुरक्षा का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके विपरीत अब इस वीडियो के माध्यम से उनका राजफाश हो गया है, जिसमें उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित धन का इस्तेमाल करके आलीशान महल बनवाया गया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया एक्स पर जारी किए गए पहले वीडियो में केजरीवाल के महल की भव्यता को दिखाया गया है, जिसमें आलीशान इतालवी संगमरमर के फर्श, दीवारें, एक जिम रूम और शानदार बाथरूम शामिल हैं, जो दिल्लीवासियों को उनकी अपनी जीवनशैली से बहुत अलग जीवनशैली की झलक दिखाते हैं। सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपना घर जनता को दिखाने से डरते हैं। उन्होंने कहा कि इस वीडियो ने केजरीवाल के “आम आदमी” वाले मुखौटे को उतार फेंका है, जिसमें एक ऐसे नेता का खुलासा हुआ है, जिसने निजी विलासिता के लिए दिल्ली के संसाधनों को लूटा और उसका दुरुपयोग किया है। उन्होंने दिल्ली के लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसे मुख्यमंत्री को चुनने के बारे में फिर से सोचें, जो पारदर्शी शासन के बजाय सार्वजनिक धन का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए करता है। उन्होंने कहा कि यह वीडियो बताता है कि केजरीवाल अपने महल को सुरक्षित रखने के लिए इतने बेताब क्यों थे। दिल्ली के लोग अब उनकी असलियत समझ चुके हैं और जल्द ही केजरीवाल प्रशासन दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य से पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
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