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मसूरी में जाम से बिगड़ी हालात: पर्यटक की मौत, कारोबारी नुकसान में और व्यवस्था सवालों के घेरे में

मसूरी, जिसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है, इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है। लेकिन ये भीड़ अब परेशानी का सबब बन चुकी है। शुक्रवार को एक ऐसा वाकया हुआ जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। जाम की वजह से एक पर्यटक को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका और उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पर्यटन व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने इस हादसे को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि इससे राज्य की छवि पर बुरा असर पड़ेगा। एक तरफ जहां राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसी लापरवाहियों से पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।जाम की ये समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन इसे सुलझाने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जब तक प्रशासन ट्रैफिक को लेकर सख्त और व्यवहारिक प्लान नहीं बनाएगा, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।

मसूरी की सड़कों पर घंटों फंसे पर्यटक, व्यापारी भी परेशान – शनिवार को भी हालात बद से बदतर होते दिखे। मसूरी-देहरादून रोड से लेकर पिक्चर पैलेस, किंक्रेग और माल रोड तक जाम का आलम था। लोग घंटों अपने वाहनों में फंसे रहे। तेज धूप और उमस ने परेशानियों को और बढ़ा दिया। सिर्फ पर्यटक ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग और व्यापारी भी इस हालत से बेहद परेशान हैं। स्थानीय व्यापारी मनोज अग्रवाल ने बताया कि जाम के कारण ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई है और व्यापार पूरी तरह चौपट हो रहा है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल का मानना है कि रोड साइड पार्किंग इस संकट की जड़ है। उनका कहना है कि अगर पार्किंग की व्यवस्था सुव्यवस्थित हो जाए, तो हालात काफी हद तक सुधर सकते हैं। नगरपालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि टेम्पो ट्रैवलर और मिनी बसों को किंग्रेग पार्किंग में खड़ा कराया जाए, जिससे सड़क पर भीड़ न बढ़े। नगर पालिका खुद भी हर संभव सहयोग देने को तैयार है।

हरिद्वार से लेकर धनौल्टी तक, चारों ओर वाहनों की कतारें – जाम की समस्या सिर्फ मसूरी तक सीमित नहीं है। हरिद्वार, सुवाखोली, बुरांसखंडा और धनौल्टी जैसे इलाकों में भी वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। मसूरी के लंढौर बाजार से मलिंगार तक का इलाका तो सुबह से लेकर रात तक लगातार जाम की चपेट में रहा। तेज धूप में ट्रैफिक को मैनेज करने में पुलिसकर्मी भी बेहाल हो गए। हरिद्वार में तो हालात यह हो गए कि एक किलोमीटर का सफर तय करने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लग रहा है। वहां की सभी पार्किंग तक फुल हो चुकी हैं। पर्यटन विभाग और पुलिस प्रशासन को अब ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए गंभीर और दीर्घकालीन योजना बनानी होगी। वरना भीड़ और अव्यवस्था की ये तस्वीरें उत्तराखंड के पर्यटन पर भारी पड़ेंगी।

काठगोदाम में दोपहिया वाहनों की एंट्री बंद, पर्यटक लौटे तो नुकसान में व्यापारी – कुमाऊं क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई है कि पुलिस को दोपहिया वाहनों पर रोक लगानी पड़ी है। बकरीद और वीकेंड को देखते हुए छह से आठ जून तक काठगोदाम से आगे दोपहिया सवार पर्यटकों की एंट्री बंद कर दी गई। इस फैसले का सीधा असर हिल स्टेशनों के कारोबारियों पर पड़ा है। बीते दो दिनों में करीब 800 से ज्यादा बाइक सवार पर्यटकों को वापस लौटना पड़ा, जिससे होटल, दुकानें और अन्य पर्यटन व्यवसायों को भारी नुकसान हुआ है।बड़ी संख्या में लोग गर्मियों की छुट्टियां मनाने पहाड़ों की तरफ आते हैं। लेकिन जब पुलिस उन्हें रास्ते में ही रोक देती है, तो उन्हें मजबूरी में लौटना पड़ता है। ऐसे में टूरिज्म का नुकसान तो होता ही है, साथ ही पर्यटकों के मन में एक गलत अनुभव भी बैठता है।

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