छत्तीसगढ़
Trending

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फिर उठे सवाल: सचिन पायलट की बैठक से क्या बदलेगा संगठन का हाल?

 छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गरमागरम बहस: क्या बदलेगा माहौल?-छत्तीसगढ़ कांग्रेस इन दिनों उथल-पुथल का सामना कर रही है। आंतरिक कलह और कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। लेकिन अब पार्टी के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट के आने से नई उम्मीद जगी है। रायपुर में होने वाली मैराथन बैठकों से पार्टी में नई जान फूंकने की उम्मीद है।

 क्या निष्क्रिय नेताओं पर होगी कार्रवाई?-इन बैठकों में पार्टी के खराब प्रदर्शन, नेताओं की सुस्ती और फैसलों में देरी जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी। कई जिलाध्यक्ष और बड़े नेता इन मुद्दों को सचिन पायलट के सामने रखने को तैयार हैं। साथ ही, कार्यकर्ताओं की मांग है कि सिर्फ बड़े नेताओं की नहीं, बल्कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की भी बात सुनी जाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार वाकई कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।

जमीनी स्तर पर काम की दरकार-कांग्रेस कार्यकर्ता पिछले डेढ़ साल से पार्टी में बड़े बदलाव का इंतज़ार कर रहे हैं। उनका मानना है कि सिर्फ बैठकें और बयानबाजी से कुछ नहीं होगा, ज़मीनी स्तर पर काम दिखाना होगा। कार्यकर्ता चाहते हैं कि सचिन पायलट खुद जिलों का दौरा करके समस्याओं को समझें और समाधान निकालें। यह देखना होगा कि क्या पायलट जी इस मांग पर ध्यान देंगे।

क्या पूरे होंगे पिछले वादे?-पहले भी ऐसी बैठकों में निष्क्रिय नेताओं को हटाने की बात कही गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे पार्टी का संगठन और कमज़ोर हुआ है और राज्य सरकार के खिलाफ आवाज़ भी दबी हुई है। क्या इस बार स्थिति बदलेगी, यह देखना बाकी है।

 प्रभारी सचिवों की भूमिका-तीन प्रभारी सचिवों की नियुक्ति के बाद भी पार्टी की गतिविधियाँ सिर्फ बैठकों तक ही सीमित हैं। ज़मीनी स्तर पर पार्टी की उपस्थिति कमज़ोर है, जो आने वाले चुनावों में मुश्किलें पैदा कर सकती है। क्या ये प्रभारी सचिव अपनी भूमिका को और प्रभावी ढंग से निभा पाएंगे?

 उम्मीदों से भरा माहौल-आज पूरे दिन राजीव भवन में कई बैठकें होंगी। कार्यकर्ता सचिन पायलट से मिलकर अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं। सबकी नज़रें इस बात पर हैं कि क्या इन बैठकों से सिर्फ बातें ही होंगी या कोई ठोस कार्रवाई भी होगी। क्या छत्तीसगढ़ कांग्रेस आंतरिक कलह से उबर पाएगी और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Instagram बना बैटरी का दुश्मन! Android यूजर्स के लिए जरूरी अलर्ट Mivi के ये SuperPods : कम दाम में बेस-हैवी, 60 घंटे बैटरी और Dolby का कमाल