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अब यूपी के स्टूडेंट्स को मिलेगा इंटरनेशनल लेवल की लॉ एजुकेशन का मौका – जानिए कैसे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी बदल रही है लीगल स्टडीज़ का चेहरा

 चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का धमाकेदार एंट्री यूपी में!- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का नाम अब यूपी में भी छा जाने वाला है! जी हाँ, बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के लखनऊ कैंपस को एलएलबी और इंटीग्रेटेड लॉ कोर्सेज चलाने की हरी झंडी दे दी है। 2025 से यहाँ 3 साल के एलएलबी में 120 और 5 साल के बीए एलएलबी/बीबीए एलएलबी में 240 सीटें होंगी। यूपी के छात्रों के लिए ये एक सुनहरा मौका है देश की पहली AI-सपोर्टेड मल्टी-डिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने का।

 नए कोर्स: कानून की दुनिया में एक नया आयाम- यूपी कैंपस में तीन नए कोर्स शुरू हो रहे हैं: बीए एलएलबी (ऑनर्स), बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) और 3 साल का एलएलबी। ये कोर्स सिर्फ़ कानून की बारीकियाँ ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और अंतर्राष्ट्रीय नज़रिए से भी लैस करेंगे। पाठ्यक्रम में क्रिमिनल लॉ, टैक्सेशन लॉ, सिविल और कॉरपोरेट लॉ, साइबर लॉ, और इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन जैसे मज़बूत विषय शामिल हैं जो सीधे तौर पर आज की ज़रूरतों से जुड़े हैं। इससे छात्रों को बेहतरीन जॉब के अवसर मिलेंगे।

AI टूल्स: टेक्नोलॉजी का साथ- यहाँ की पढ़ाई सिर्फ़ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी। छात्रों को AI-बेस्ड टूल्स जैसे LexisNexis, Evernote और AI Lawyer की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ये टूल्स रिसर्च, केस स्टडीज़ को समझने और विश्लेषण करने में बहुत मदद करेंगे और उन्हें डिजिटल दुनिया की कानूनी चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगे।

 डॉ. अभिषेक कुमार सिंह: लॉ और टेक्नोलॉजी के मास्टर- यूपी कैंपस के लॉ स्कूल के प्रमुख डॉ. अभिषेक कुमार सिंह एक अनुभवी प्रोफ़ेसर हैं, जिन्हें कानून और टेक्नोलॉजी दोनों का गहरा ज्ञान है। 12 साल से ज़्यादा के अनुभव के साथ, उन्होंने साइबर क्राइम में पीएचडी की है और तीन किताबें भी लिखी हैं। उनका लक्ष्य छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल और इंडस्ट्री-रेडी स्किल्स से लैस करना है।

 क्रिटिकल थिंकिंग और इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच- डॉ. सिंह का मानना है कि आज के समय में कानून की पढ़ाई सिर्फ धाराएँ याद करने तक सीमित नहीं रह सकती। यहाँ का AI-इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम इंडस्ट्री और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की सलाह से बनाया गया है। इसमें क्रिटिकल थिंकिंग, रियल वर्ल्ड केस एनालिसिस और विषयों के बीच कनेक्टिविटी पर ज़ोर दिया गया है।

 नई चुनौतियों के लिए तैयार- पाठ्यक्रम में “AI और लॉ” और “AI और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉज़” जैसे विषय शामिल हैं। यह छात्रों को डेटा प्राइवेसी, ऑटोमेशन और डिजिटल राइट्स जैसी चुनौतियों को समझने में मदद करेगा। AI-आधारित लीगल रिसर्च टूल्स और एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल छात्रों को गहराई से सोचने और तेज़ निर्णय लेने में मदद करेगा।

प्रैक्टिकल लर्निंग: मज़बूत नींव- प्रो वाइस चांसलर प्रो. डॉ. थीपेंद्र पी. सिंह के अनुसार, छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ इंडस्ट्री से जुड़ने के भी कई मौके मिलेंगे। मूट कोर्ट्स, लॉ फर्म्स में इंटर्नशिप और ज्यूडिशियरी एग्ज़ाम की तैयारी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

 भविष्य के लिए तैयार: 21वीं सदी के लीडर्स- यूनिवर्सिटी का लक्ष्य सिर्फ डिग्री देना नहीं, बल्कि 21वीं सदी के लीडर्स तैयार करना है। यहाँ छात्रों को AI-सपोर्टेड एजुकेशन मॉडल, मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच और अंतर्राष्ट्रीय विज़न के साथ पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।

 एक इनोवेटिव लॉ कैंपस- यह नया लॉ कैंपस सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहाँ छात्रों को रियल वर्ल्ड एक्सपीरियंस, डेटा बेस्ड इनसाइट्स, वर्चुअल रियलिटी सिमुलेशन, अंतर्राष्ट्रीय मार्गदर्शन और उद्यमिता जैसे कौशल का अनुभव मिलेगा।

अब यूपी में भी मौका- अगर आप कानून के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी कैंपस एक बेहतरीन विकल्प है, जहाँ पढ़ाई, प्रैक्टिकल और टेक्नोलॉजी का बेहतरीन मेल है।

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