विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तराखंड में गूंजा हरियाली का संदेश: सीएम धामी ने किया जागरूकता का आह्वान

उत्तराखंड: प्रकृति का सम्मान, प्लास्टिक से मुक्ति की ओर!
पर्यावरण रक्षकों को सलाम!-विश्व पर्यावरण दिवस पर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान देने वालों को सम्मानित किया। सरकारी और आम लोगों, दोनों को उनके काम के लिए पुरस्कार मिले। नगर निगम रुद्रपुर को सुंदर लाल बहुगुणा पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि विजय जड़धारी और प्रताप सिंह पोखरियाल जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। ये सभी लोग प्रकृति के प्रति अपनी निःस्वार्थ सेवा के लिए याद किए जाएँगे।
प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संकल्प!-मुख्यमंत्री ने सभी को प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड बनाने की शपथ दिलाई। बच्चों को कपड़े के थैले दिए गए, ताकि प्लास्टिक के उपयोग को कम किया जा सके। इसके साथ ही, एक नए इको-टूरिज्म पोर्टल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोस्टर का भी अनावरण हुआ, जो राज्य के पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।
वन्यजीवों के लिए फल-फूल!-वन विभाग को हर वन क्षेत्र में 1000 फलदार पेड़ लगाने का निर्देश दिया गया है। इससे वन्यजीवों को प्राकृतिक भोजन मिलेगा और जैव विविधता बढ़ेगी। यह प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति राज्य सरकार की गहरी चिंता को दिखाता है।
अपने खास दिन, प्रकृति के नाम!-मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे अपने जन्मदिन या अन्य खास मौकों पर पेड़ लगाएँ। यह एक छोटा सा कदम है, लेकिन सामूहिक प्रयास से बड़ा बदलाव ला सकता है। हर व्यक्ति का योगदान प्रकृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण है।
जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर ज़ोर!-पिछले साल, 6500 से ज़्यादा जल स्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया। यह जल संकट से निपटने के राज्य सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।
चारधाम यात्रा में स्वच्छता पर ध्यान!-चारधाम यात्रा और पर्यटन वाहनों में कूड़ेदान रखना अब अनिवार्य है। इससे यात्रा मार्गों की साफ-सफाई बनी रहेगी और पर्यावरण प्रदूषण कम होगा। छोटे-छोटे बदलाव बड़ा असर डाल सकते हैं।
ग्रीन गेम्स: पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता!-हाल ही में हुए राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ के रूप में आयोजित किया गया। मेडल और पुरस्कार ई-वेस्ट से और खेल किट रीसाइकल्ड सामग्री से बनाई गई। यह राज्य सरकार की पर्यावरण के प्रति गंभीरता का एक और उदाहरण है।