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भारत में कैंसर का बढ़ता डर: शराब क्यों बन रही है बड़ी मुसीबत

भारत में कैंसर के केस दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह शराब का बढ़ता चलन बन रहा है। डॉक्टर लोग बोल रहे हैं कि ज्यादा शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है, और ये हमारे लिए बड़ी चिंता की बात है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने हाल ही में शराब वाली चीजों को बहुत पीने के खिलाफ चेतावनी दी है। हमारे यहाँ के कुछ जानकार भी यही कहते हैं कि शराब का ज्यादा इस्तेमाल कैंसर को बुलावा देता है।

WHO शराब को जहरीली, दिमाग को घुमाने वाली और आदत डालने वाली चीज मानता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने इसे सालों पहले ग्रुप 1 कार्सिनोजेन की लिस्ट में डाला था। इसका मतलब ये कि ये कैंसर लाने वाली सबसे खतरनाक चीजों में से एक है, जैसे एस्बेस्टस, रेडिएशन और सिगरेट। दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टर पुनीत गर्ग, जो सर्जन हैं, कहते हैं कि शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ता है और ये 20 से ज्यादा तरह के कैंसर ला सकता है। शराब से होने वाले आम कैंसर में मुंह, गला, खाने की नली, पेट, बड़ी आंत, मलाशय और अग्नाशय का कैंसर आता है। साथ ही, शराब औरतों में ब्रेस्ट कैंसर और मर्दों में प्रोस्टेट कैंसर की वजह भी बनती है।

शराब को कैंसर की बड़ी जड़ माना जाता है, और ये पूरी दुनिया की सेहत को प्रभावित कर रही है। WHO कहता है कि दुनिया में कैंसर के करीब 4 फीसदी मामले शराब की वजह से होते हैं। हाल ही में लैंसेट मैगजीन में एक स्टडी छपी थी, जिसमें कहा गया कि 2020 में भारत में लगभग 62,100 नए कैंसर केस शराब पीने से जुड़े थे। अमेरिका के सर्जन जनरल विवेक मूर्ति ने भी कहा है कि ब्रेस्ट, लीवर और बड़ी आंत के कैंसर से बचने के लिए शराब की बोतलों पर कैंसर की चेतावनी लिखनी चाहिए। इससे लोगों को समझ आएगा कि कितना पीना ठीक है और शराब से होने वाले नुकसान की जानकारी रहेगी। शराब रोज पीने से शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है, जिससे कैंसर की कोशिकाओं को पकड़ना और खत्म करना मुश्किल हो जाता है। शराब कई तरह के कैंसर से जुड़ी है, और हर एक के शुरूआती संकेत अलग हो सकते हैं। मुंह में बार-बार छाले, बिना वजह खून आना, गाल में गांठ या सूजन, निगलने में तकलीफ या गले में खराश जो न जाए—ये मुंह और गले के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। अगर खाने की नली का कैंसर हो तो निगलने में दिक्कत, सीने में दर्द, वजन कम होना, पुरानी खांसी या आवाज भारी होना जैसी बातें हो सकती हैं। लीवर कैंसर में पेट में सूजन, पीलापन, बेवजह वजन घटना, भूख कम लगना और थकान जैसी चीजें दिख सकती हैं।

ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट या बगल में गांठ, ब्रेस्ट का आकार बदलना, स्किन में गड्ढे या निप्पल से कुछ निकलना जैसे लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर लोग कहते हैं कि कैंसर को जल्दी पकड़ना बहुत बड़ी बात है, क्योंकि सही टाइम पर इलाज से हालात सुधर सकते हैं। अच्छे इलाज से, शुरू में पता चल जाए तो ठीक होने की उम्मीद बढ़ती है। लेकिन अगर देर हो जाए और इसे नजरअंदाज कर दिया जाए, तो कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल सकता है, जिसे मेटास्टेसिस कहते हैं। इस फैले हुए कैंसर को सर्जरी और कीमो से निकालना बहुत टेढ़ी खीर हो जाता है।

भुवनेश्वर, ओडिशा के AIIMS में डॉक्टर ताराप्रसाद त्रिपाठी, जो असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, कहते हैं कि भारत में शराब का बढ़ता चलन कैंसर को बढ़ावा दे रहा है। शराब शरीर में टूटते वक्त एसिटेल्डिहाइड नाम की जहरीली चीज बनाती है, जो DNA और प्रोटीन को तोड़ देती है। इससे कोशिकाओं में गड़बड़ शुरू हो जाती है और कैंसर पनपने लगता है। साथ ही, शराब शरीर को फोलेट, विटामिन A, C, D और E जैसे जरूरी चीजें सोखने से रोकती है, जो सेहतमंद कोशिकाओं को बनाए रखने और कैंसर से बचाने में बड़ा काम करते हैं।

शराब और कैंसर का रिश्ता

शराब पीना अब सिर्फ मजा नहीं रहा, बल्कि कैंसर की बड़ी वजह बन गया है। WHO और हमारे डॉक्टर सब चेता रहे हैं कि ये खतरा बढ़ा रही है।

कितना खतरनाक है

डॉ. पुनीत गर्ग बताते हैं कि शराब से 20 से ज्यादा तरह का कैंसर हो सकता है। मुंह, गला, पेट से लेकर ब्रेस्ट और प्रोस्टेट तक—हर जगह इसका असर पड़ता है।

शुरू में कैसे पता चले

मुंह में छाले, निगलने में दिक्कत, पीलापन या वजन कम होना—ये शराब से जुड़े कैंसर के पहले संकेत हो सकते हैं। जल्दी पकड़ना बड़ी बात है।

शरीर को क्या होता है

डॉ. ताराप्रसाद कहते हैं कि शराब शरीर में जहरीली चीज बनाती है, जो DNA को खराब कर देती है। जरूरी विटामिन भी कम करती है, जिससे कैंसर का रास्ता खुल जाता है।

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