हेमकुंड साहिब के कपाट खुले: सात क्विंटल फूलों से सजी पवित्र दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब

हेमकुंड साहिब के कपाट खुले: आस्था का जश्न!
पवित्र द्वार खुले: 25 मई की सुबह, हेमकुंड साहिब के पवित्र द्वार भक्तों के लिए खुल गए! पंच प्यारों ने पारंपरिक तरीके से कपाट खोले, और मंदिर भक्तों के उल्लास से भर गया। हर तरफ खुशी और आध्यात्मिकता का माहौल था, मानो स्वर्ग का एक टुकड़ा धरती पर आ गया हो।
सात क्विंटल फूलों की महक: इस बार मंदिर को सात क्विंटल ताज़े फूलों से सजाया गया है! रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू से पूरा माहौल महक रहा था, और हर किसी का मन मोह रहा था। यह नज़ारा वाकई अद्भुत था, जैसे स्वर्ग का एक कोना धरती पर आ गया हो।
भक्तों का अपार उत्साह: हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भक्तों में जबरदस्त उत्साह है! लगभग 75,000 लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, और 4,000 से ज़्यादा भक्त कपाट खुलने के दिन मौजूद थे। बर्फ से ढके रास्ते भी भक्तों के जोश को कम नहीं कर पाए।
बेहतरीन इंतज़ाम: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन और गुरुद्वारा कमेटी ने पूरी तैयारी की है। रास्ते साफ़ हैं, ठहरने की जगह, मेडिकल सुविधाएँ, और खाने-पीने का पूरा इंतज़ाम है, ताकि किसी को भी परेशानी न हो।
आस्था की जीत: मंदिर के आस-पास अभी भी बर्फ है, लेकिन भक्तों की आस्था ने सबको मात दे दी है। ‘वाहे गुरु’ के जयकारे गूंज रहे हैं, और भक्त पूरी श्रद्धा से मंदिर में माथा टेक रहे हैं। यह नज़ारा देखकर हर किसी का दिल भर आता है।
हरी झंडी के साथ शुरुआत: गुरुवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती जी भी मौजूद थे। सभी ने भक्तों की सुखद यात्रा की कामना की।