
दिल्ली चुनाव 2025: कम हुई वोटिंग, करोड़पति नेताओं की बढ़त और आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जीत
ADR और दिल्ली इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में अहम खुलासे दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और दिल्ली इलेक्शन वॉच ने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए हैं, जिनमें चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों के वोट शेयर में गिरावट, मतदाता मतदान में कमी और आपराधिक छवि वाले नेताओं की बढ़ती संख्या शामिल है। कम हुआ विजयी उम्मीदवारों का वोट शेयर इस बार चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों का औसत वोट शेयर 51% रहा, जो 2020 के 55% के मुकाबले कम है। खास बात यह है कि 70 में से 27 सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवारों को 50% से भी कम वोट मिले हैं। इसका मतलब यह है कि इस बार मुकाबला और ज्यादा कड़ा रहा है। मतदान प्रतिशत में हल्की गिरावट
2025 के चुनाव में कुल 61% मतदाताओं ने अपने वोट डाले, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 63% था। यानी इस बार वोटिंग में थोड़ी कमी देखने को मिली। इसके अलावा, जीत का अंतर भी पहले से कम हुआ है, जो यह दर्शाता है कि मतदाता अधिक बंटे हुए थे और किसी एक उम्मीदवार को भारी बहुमत नहीं मिला।
अपराध से जुड़ाव वाले विजयी उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 70 में से 31 विजेताओं (44%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। इनमें से 21 उम्मीदवारों ने 50% या उससे अधिक वोटों के साथ जीत दर्ज की। मटिया महल सीट से आले मोहम्मद इकबाल (AAP) ने 50.58% वोटों से जीत हासिल की, जो इस श्रेणी में सबसे बड़ा अंतर रहा। करोड़पति उम्मीदवारों का दबदबा इस बार के चुनावों में करोड़पति उम्मीदवारों का वर्चस्व साफ दिखा। 70 में से 61 विजेता करोड़पति हैं, यानी 87% विधायकों के पास करोड़ों की संपत्ति है। इनमें से 41 उम्मीदवारों ने 50% से ज्यादा वोट हासिल किए। वहीं, गैर-करोड़पति विजेताओं में से सिर्फ 2 को 50% से अधिक वोट मिले। यह साफ करता है कि चुनाव जीतने में धनबल का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। महिला उम्मीदवारों की भागीदारी अब भी कम दिल्ली विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी सीमित है। इस बार 70 में से सिर्फ 5 महिलाएं ही चुनाव जीत पाईं, लेकिन अच्छी बात यह है कि सभी ने 40% से ज्यादा वोट हासिल किए। शालीमार बाग सीट से रेखा गुप्ता (BJP) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 50% से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। NOTA की ओर बढ़ता रुझान इस चुनाव में 94,88,376 कुल वोटों में से 53,738 वोट (0.57%) NOTA को मिले। 2013 में चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए इस विकल्प की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब है कि कई मतदाता अपने क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों को खारिज करने के विकल्प को अपना रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजे बताते हैं कि मुकाबला पहले से ज्यादा कड़ा हुआ है। मतदान प्रतिशत में हल्की गिरावट आई है, लेकिन करोड़पति और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की संख्या बढ़ रही है। वहीं, महिलाओं की भागीदारी अभी भी सीमित है और NOTA का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।