दिल्ली चुनाव 2025 एग्जिट पोल: AAP के लिए क्यों मुसीबत बन सकती है ये चूक, जानें पूरा सच
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Delhi Exit Polls 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान अब पूरा हो चुका है, और सभी 70 सीटों के मतदाता अपने फैसले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में रिकॉर्ड कर चुके हैं। अब एग्जिट पोल्स में जो नतीजे सामने आ रहे हैं, वे आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं, क्योंकि ज्यादातर पोल्स में भाजपा (BJP) की सत्ता में वापसी का संकेत मिल रहा है। हालांकि, ये सिर्फ एग्जिट पोल्स हैं और असली परिणाम 8 फरवरी को घोषित होंगे, फिर भी इन आंकड़ों ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। एग्जिट पोल्स के बाद से आम आदमी पार्टी की हार की वजहों पर चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं उन प्रमुख कारणों को, जिनकी वजह से आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है।
1. यमुना सफाई का वादा और केजरीवाल की दुविधा
यमुना की सफाई हमेशा से दिल्ली के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है। यह न केवल पर्यावरण के लिए जरूरी है, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए पीने के पानी का एक प्रमुख स्रोत भी है। पांच साल पहले अरविंद केजरीवाल ने एक चुनावी सभा में यह वादा किया था कि अगर वे 2025 तक यमुना को साफ नहीं कर पाए तो उन्हें वोट नहीं दिया जाए। यह बयान तब से लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। अब जबकि आम आदमी पार्टी की स्थिति कमजोर नजर आ रही है, यह सवाल उठ रहा है कि क्या यमुना की सफाई का यह वादा पूरा न कर पाना उनकी हार की वजह बन सकता है? सोशल मीडिया पर भी इस वादे को लेकर बहस हो रही है और कई लोग यह मानते हैं कि आम आदमी पार्टी ने जनता से धोखा किया है। भाजपा ने भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और इसे अपनी चुनावी रणनीति में शामिल किया।
2. दागी उम्मीदवारों की संख्या पर सवाल
अगर उम्मीदवारों की बात करें, तो इस बार आम आदमी पार्टी में दागी उम्मीदवारों की संख्या काफी ज्यादा रही। AAP ने कुल 70 में से 42 उम्मीदवारों को टिकट दिया, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस ने 30 और भाजपा ने 19 दागी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा। ADR की रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी के 70 में से 44 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जो कांग्रेस और भाजपा के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। इस वजह से पार्टी की छवि पर असर पड़ा है और चुनावी माहौल में यह मुद्दा काफी महत्वपूर्ण बन गया है।
3. विधायकों के टिकट काटने से नाराजगी
इस बार आम आदमी पार्टी ने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं। पार्टी ने 16 मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया, जिससे कई नेता नाराज हो गए। हाल ही में 8 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिससे पार्टी की स्थिति और कमजोर हो सकती है। इन बदलावों के कारण पार्टी को कुछ सीटों पर नुकसान हो सकता है।
4. चुनावी वादों में असफलता का स्वीकारना
चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने तीन प्रमुख मुद्दों पर जोर दिया था – यमुना सफाई, हर घर में स्वच्छ पानी की आपूर्ति और दिल्ली की सड़कों को यूरोपीय मानकों के अनुसार बनाना। लेकिन एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने खुद यह स्वीकार किया कि इन तीनों मुद्दों पर उनकी सरकार पूरी तरह से असफल रही है। यह बयान उनके लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है, क्योंकि लोग ऐसे नेताओं से नाराज हो जाते हैं, जो चुनावी वादों को पूरा नहीं कर पाते।