
चंडीगढ़: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल के बीच पंजाब पुलिस ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में करीब 250 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं, जिनको वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने युद्ध स्तर पर चल रहे नशा विरोधी अभियान के बारे में भी जानकारी दी। गौरव यादव ने बताया कि बॉर्डर से सटे राज्य होने की वजह से कई तरह की चुनौतियां सामने आती रहती हैं, जैसे कि ड्रोन के जरिए सरहद पार से नशे और हथियारों की तस्करी। लेकिन इनसे निपटने के लिए एक खास टास्क फोर्स बनाई गई है, और इसका असर भी दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर तक पंजाब की पाकिस्तान सीमा पर एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी लगा दी जाएगी।
“पंजाब का माहौल बिगाड़ने की साजिशें” यादव ने बताया कि पंजाब का माहौल खराब करने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोशिशें हो रही हैं। लेकिन सरकार इनके नेटवर्क को ध्वस्त कर रही है और मुंहतोड़ जवाब भी दे रही है। पहलगाम की घटना के बाद पंजाब पुलिस लगातार बीएसएफ के संपर्क में है और सीमावर्ती इलाकों में अपनी मौजूदगी भी बढ़ा दी गई है। नशे के खिलाफ मुहिम पर तय हुई डेडलाइन डीजीपी ने बताया कि नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में अब सबको 31 मई तक का वक्त दिया गया है। जो अच्छा काम करेंगे उन्हें सम्मान मिलेगा, वरना सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस तीन तरीकों से काम कर रही है – हवाला नेटवर्क को खत्म करना, नशे के पैसों से बनी प्रॉपर्टी को जब्त करना और जिन सरकारी जमीनों पर नशा तस्करों ने कब्जा कर रखा है, उन्हें छुड़वाना।
31 हवाला ऑपरेटर पकड़े, 8 करोड़ रुपये बरामद यादव ने बताया कि नशा विरोधी अभियान के दौरान अब तक 31 हवाला ऑपरेटरों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे 8 करोड़ रुपये की रकम बरामद हुई है। इन ऑपरेटरों में पाकिस्तान और भारत दोनों के लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नशे से जुड़े मामलों में सजा दिलाने का रेट भी शानदार रहा — 90 फीसदी कन्विक्शन रेट तक पहुंच गया है। इनमें से 744 मामलों में दोषियों को सजा मिली है और 144 लोगों को दस साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस ‘सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस’ यानी बैकअप सिस्टम पर भी काम कर रही है। 67 नशा तस्करों के घरों पर चला बुलडोजर यादव ने बताया कि अब तक नशा तस्करों के 67 से ज्यादा घर गिराए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूरे ऑपरेशन को 360 डिग्री तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। अब तक 4659 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं और 7500 से ज्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने 297 किलो हेरोइन, 21,770 नशीली दवाइयों के कैप्सूल और करीब आठ लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की है। इसके अलावा, 908 ‘कार्डन एंड सर्च ऑपरेशन’ (CASO) चलाए गए हैं, जिनमें 73 भगोड़े अपराधियों (पीओ) और 659 अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। नशा छोड़ने वालों के लिए भी हो रही पहल डीजीपी ने कहा कि जो लोग नशे की गिरफ्त में हैं, उन्हें नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा जा रहा है और उनके लिए खासतौर पर मदद की जा रही है। ‘सेफ पंजाब’ हेल्पलाइन पर आने वाली सूचनाओं पर भी फौरन एक्शन लिया जा रहा है। पुलिस का फोकस खासकर हार्ड ड्रग्स और हेरोइन जैसी घातक नशा सामग्री पर है।