Join us?

व्यापार

Business News: अगले हफ्ते होगी मौद्रिक नीति की समीक्षा

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा अगले हफ्ते शुक्रवार को होगी। अभी तक जो संकेत है उसके मुताबिक इस बार भी ब्याज दरों को लेकर आरबीआई की तरफ से किसी तरह की राहत मिलने की संभावना कम ही है। यह इसलिए होगा कि रविवार को समाप्त हो रहे पिछले साल कर्ज की दरों को बढ़ाए जाने के बावजूद देश में कर्ज की रफ्तार धीमी नहीं हुई है। रविवार को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2023-24 में बैंकों की तरफ से वितरित कर्ज में 19.3 फीसद की वृद्धि हुई है। सिर्फ वाणिज्यिक सेक्टर को दिए जाने वाले कर्ज की रफ्तार 15.4 फीसद रही है जो पिछले कई वर्षों की सर्वाधिक वृद्धि दर है। दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि आरबीआई अभी वैश्विक हालात को लेकर बहुत भरोसेमंद नहीं है।
ऐसे में उम्मीद है कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) के अधिकांश सदस्य फिलहाल रेपो रेट जैसे वैधानिक दरों को स्थिर ही रखने की बात करें। आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की पिछले हफ्ते नागपुर में हुई बैठक में भारत और वैश्विक इकोनमी के सारे पहलुओं पर चर्चा करने के सााथ ही देश में ब्याज दरों के माहौल को लेकर भी विमर्श हुआ था। बोर्ड के कई सदस्यों ने यह बात सामने रखी थी कि वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही वैश्विक भूराजनीतिक गतिविधियां भी अस्थिर हैं। यूक्रेन-रूस विवाद और रेड सी के हालात के बिगड़ने का व्यापक असर पूरी दुनिया की इकोनमी पर पड़ सकता है। आरबीआई के निदेशक बोर्ड में वित्त मंत्रालय के दो सचिव (आर्थिक मामलों के विभाग व वित्तीय सेवा विभाग) सदस्य होते हैं। इस बैठक में आने वाले सुझावों को बाद में आरबीआई अमली जामा भी पहनाता है। आरबीआई की तरफ से अंतिम बार रेपो रेट (बैंकों की उधारी दरों को तय करने में अहम भूमिका निभाता है) में वृद्धि फरवरी, 2023 में की थी। उसके बाद से सात बार मौद्रिक नीति की समीक्षा हो चुकी है लेकिन उसमें रेपो रेट को 6.5 फीसद के स्तर पर ही रखा गया है। लेकिन मई 2022 से फरवरी, 2023 के बीच रेपो रेट में जो वृद्धि की गई थी उसकी वजह से देश की उधारी दर में 200 आधार अंकों (दो फीसद) तक की बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद कर्ज लेने की रफ्तार तेज बनी हुई है। देश की आर्थिक विकास दर के आंकड़े भी आरबीआई के अनुमान से बेहतर दर्ज किये गये हैं। शेयर बाजार में तेजी के साथ ही सोने की कीमतों में तेजी है व रियल एस्टेट में भी मांग लगातार बनी हुई है। ऐसे में आरबीआई पर ब्याज दरों को कम करने का कोई भी दबाव नहीं है। मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए आरबीआइ गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली बैठक की शुरुआत 03 अप्रैल, 2024 से होगी। इसके फैसलों की घोषणा 05 अप्रैल, 2024 को होने वाली है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
कोलकाता में अंडरवाटर मेट्रो स्टेशन विश्व की आठ सबसे ऊँची मूर्तियाँ विलुप्त व्यंजन फाड़ा लापसी