रायपुर में 14 नक्सलियों के शव, पोस्टमार्टम से पहले पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से होगी जांच

गरियाबंद/जगदलपुर: गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट के जंगल में हुए एक बड़े मुठभेड़ में मारे गए सभी 14 नक्सलियों के शव अब रायपुर लाए गए हैं। शवों को आज सुबह करीब 5 बजे रायपुर पहुंचाया गया और इन्हें मेकाहारा अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। पोस्टमार्टम के लिए 22 डॉक्टरों की एक टीम तैयार की गई है, जिसमें 12 डॉक्टर मोर्चरी में तैनात रहेंगे, जबकि 10 अतिरिक्त डॉक्टर और 10 सफाईकर्मी भी मदद करेंगे। यह पहला अवसर है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए पूरी तैयारी की है ताकि कोई परेशानी न हो। मारे गए नक्सलियों में कई सीनियर कमांडर भी शामिल हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है और घटना के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। पोस्टमार्टम से पहले शवों का एक्स-रे किया जाएगा। इसके लिए मेकाहारा अस्पताल की मोर्चरी में पोर्टेबल एक्स-रे मशीन लाई गई है, ताकि यह जांचा जा सके कि शवों में कोई धातु या विस्फोटक तत्व तो नहीं हैं। अगर एक्स-रे में कोई खतरे का संकेत मिलता है, तो तुरंत बॉम्ब स्क्वॉड को बुलाया जाएगा और उसके बाद ही शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि नक्सलियों द्वारा शवों में छिपाए गए किसी भी संभावित खतरनाक तत्व का पता चल सके और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
गरियाबंद में हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने ओडिशा राज्य कमेटी के सचिव और एक करोड़ के इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपति को मार गिराया। इस मुठभेड़ में कुल 14 नक्सलियों की मौत हो गई। जयराम नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के जवान नीरज कुमार और ओडिशा के जवान धर्मेंद्र भोई भी घायल हुए हैं, जिनका इलाज रायपुर के नारायणा अस्पताल में चल रहा है। इससे पहले 16 जनवरी को छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर हुई मुठभेड़ में 18 नक्सली मारे गए थे। अब जयराम और चलपति के मारे जाने से छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को तेज़ी से गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए नियद नेल्ला नार योजना शुरू की गई है। यह योजना नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में मदद कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और सीमाओं पर जॉइंट ऑपरेशंस किए जा रहे हैं।