
सिलक्यारा न्यूज़: यमुनोत्री हाईवे पर बन रही सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग अब जल्द ही पूरी होने जा रही है। बताया जा रहा है कि 16 अप्रैल को ये सुरंग एक सिरे से दूसरे सिरे तक जोड़ दी जाएगी। इसे लेकर काम कर रही एजेंसी और एनएचआईडीसीएल ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सुरंग के पूरा होने पर एक बड़ा कार्यक्रम भी रखा जाएगा, जिसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री नितिन गडकरी के शामिल होने की संभावना है। करीब साढ़े चार किलोमीटर लंबी इस सुरंग का काम यमुनोत्री हाईवे पर किया जा रहा है। साल 2023 में जब सुरंग में भारी मलबा आ गया था, तो काम कुछ वक्त के लिए रुक गया था, लेकिन मलबा हटने के बाद फिर से तेजी से काम शुरू हो गया। पोलगांव की तरफ से सुरंग को पूरा जोड़ने के लिए सिर्फ 30 मीटर का हिस्सा बाकी था। अब एजेंसी का कहना है कि 16 अप्रैल को सुरंग को पूरी तरह जोड़ दिया जाएगा। अब तो सिर्फ कुछ मीटर की खुदाई ही बाकी रह गई है। सुरंग जुड़ने के बाद इसका काम और करीब एक साल तक चलेगा, जिसमें इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा और फिर इसे आम आवाजाही के लिए खोला जाएगा।
ये सुरंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘चारधाम सड़क परियोजना’ का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत साल 2018-19 में सिलक्यारा से पोलगांव तक करीब 854 करोड़ रुपये की लागत से इस टनल का निर्माण शुरू किया गया था। नवंबर 2023 में निर्माणाधीन इस सुरंग में अचानक भारी मलबा गिरने से 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। 17 दिन तक चले राहत और बचाव अभियान के बाद सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। उस हादसे के बाद सुरंग में करीब 60 मीटर मलबा जमा हो गया था, जिसे हटाना एजेंसी के लिए बड़ी चुनौती बन गया था। इस मलबे की वजह से सुरंग का काम बार-बार रुकता रहा। पोलगांव की ओर से अब सुरंग को जोड़ने के लिए सिर्फ कुछ मीटर ही खुदाई बची है। यमुनोत्री हाईवे पर बन रही ये 4.5 किमी लंबी सुरंग अब आखिरी स्टेज में है। गौरतलब है कि 12 नवंबर 2023, जो दिवाली का दिन था, उस सुबह करीब 4-5 बजे ये हादसा हुआ था। उस वक्त श्रमिक रात की शिफ्ट पूरी कर बाहर आने ही वाले थे कि तभी सुरंग का एक हिस्सा भूस्खलन की वजह से ढह गया और उसका मुंह बंद हो गया। हादसे के बाद सभी 41 मजदूर अंदर फंस गए थे, जिन्हें 17 दिन की मेहनत के बाद बाहर निकाला गया। हादसे के बाद करीब दो महीने तक सुरंग में कोई काम नहीं हुआ। फिर 23 जनवरी 2024 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एजेंसी यानी राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) को काम दोबारा शुरू करने की मंज़ूरी दी। हादसे के वक्त सुरंग की खुदाई का करीब 480 मीटर हिस्सा बाकी था, जो अब लगभग पूरा होने के कगार पर है।