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उत्तराखंड में बड़ा वित्तीय घोटाला, 130 करोड़ की हेराफेरी की जांच शुरू

उत्तराखंड में 130 करोड़ का घोटाला: सरकारी परियोजनाओं में बड़ा वित्तीय घपला, कई अधिकारी आरोपी उत्तराखंड में 130 करोड़ रुपये के वित्तीय घपले और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। पुलिस ने इस घोटाले से जुड़े छह अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिनमें सरकारी परियोजनाओं से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।

कैसे सामने आया घोटाला?

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम इकाई-1 के अपर परियोजना प्रबंधक सुनील कुमार मलिक ने थाना नेहरू कॉलोनी में इस मामले की शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि 2018-19 से पहले हुई वित्तीय अनियमितताओं की विभागीय जांच में करोड़ों रुपये के गबन का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने विस्तृत जांच कर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया।

कैसे हुआ 130 करोड़ रुपये का गबन?

  1. कौशल विकास योजना में हेराफेरी:
    • पूर्व अधिकारी शिव आसरे शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा और वीरेंद्र कुमार रवि पर कौशल विकास योजना में गड़बड़ी का आरोप है।
    • उत्तराखंड के 15 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए 1517.50 लाख रुपये आवंटित किए गए, लेकिन इनमें से 6 संस्थान कभी शुरू ही नहीं हुए।
    • इसके बावजूद 600.16 लाख रुपये दूसरे कार्यों में खर्च कर दिए गए।
  2. आपदा राहत केंद्रों में घोटाला:
    • प्रदीप कुमार शर्मा और वीरेंद्र कुमार रवि पर डिजास्टर रिलीफ सेंटर्स के निर्माण में अनियमितता का आरोप है।
    • इन अधिकारियों ने बिना भूमि अधिग्रहण किए ही 428 लाख रुपये खर्च कर दिए।
  3. पर्यटन विभाग में भ्रष्टाचार:
    • शिव आसरे, प्रदीप कुमार शर्मा और राम प्रकाश गुप्ता पर पर्यटन विभाग में गड़बड़ी का आरोप है।
    • इन अधिकारियों ने सरकारी निर्माण कार्यों में 159.85 लाख रुपये का गबन किया।
  4. अनुचित लाभ देने का मामला:
    • शिव आसरे, प्रदीप कुमार, राम प्रकाश और वीरेंद्र कुमार पर आरोप है कि इन्होंने 10971.65 लाख रुपये का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।
  5. दून मेडिकल कॉलेज में अनियमितता:
    • ओ.पी.डी. ब्लॉक के निर्माण में 993 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई।
    • इस मामले में सतीश कुमार (उपाध्यक्ष) को आरोपी बनाया गया है।
  6. ऊर्जा प्रोजेक्ट में हेराफेरी:
    • बैकअप एनर्जी प्रोजेक्ट और स्ट्रीट लाइट इंफ्रास्ट्रक्चर में 562.785 लाख रुपये का गबन किया गया।
    • इस मामले में प्रदीप कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

अब क्या होगा?

सरकार और पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जांच जारी है, और आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।

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