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ऑनलाइन फ्रॉड का बड़ा खुलासा: 100 करोड़ की ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार

दुबई से चल रही ऑनलाइन ठगी का भंडाफोड़, महाराष्ट्र और बंगाल से 5 आरोपी गिरफ्तार

भोपाल: साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसे दुबई से ऑपरेट किया जा रहा था। इस गिरोह के लिए बैंक खातों का लेन-देन संभालने वाले तीन लोगों को महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, बैंक खाते बेचने वाले दो अन्य लोगों को भी पकड़ा गया है। कैसे चल रहा था यह ठगी का खेल? गिरफ्तार किए गए आरोपी दुबई में बैठे साइबर ठगों के लिए काम कर रहे थे। शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर ये ठग भारत के लोगों से पैसे ऐंठते थे। हर दिन करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया जाता था। ठगे गए पैसे पहले इन आरोपियों के बैंक खातों में जमा होते और फिर उन्हें आगे भेज दिया जाता था। 50 हजार रुपये में खरीदते थे बैंक खाते आरोपी 50 हजार रुपये देकर लोगों के चालू बैंक खाते खरीदते थे और उनका इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे। रोजाना इन खातों में 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लेन-देन होता था। इस रकम में से आरोपी चार प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी पैसे ठगों तक भेजते थे।

भोपाल में 1.22 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा पिछले साल भोपाल के एक व्यक्ति से शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर 1 करोड़ 22 लाख रुपये ठग लिए गए थे। जब उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, तो जांच के दौरान पुलिस ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व नागपुर से आरोपियों को गिरफ्तार किया। छात्रों को लालच देकर खुलवाते थे बैंक खाते पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के लिए काम करने वाला मुस्तफा मुशरफ हुसैन, जो डीफार्मा का छात्र है, ने 50 हजार रुपये में अपना बैंक खाता बेच दिया था। उसके साथी निहार आलम और अशरफुल हक, जो कॉलेज के छात्र हैं, इस गिरोह के लिए बैंक ऑपरेटर के तौर पर काम कर रहे थे। ये आरोपी अन्य छात्रों को पैसों का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाते और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते थे। पैसे ठगों तक कैसे पहुंचते थे? इन बैंक ऑपरेटर्स के खातों में ठगी का पैसा जमा होता था। फिर उसमें से चार प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी रकम दुबई में बैठे गिरोह के सरगना तक पहुंचा दी जाती थी। महाराष्ट्र में पिन्टू सुरेश सिंह बैस नाम का एक शख्स भी इसी तरीके से बैंक खाते खरीदकर ठगों तक पैसा भेजता था। पुलिस ने उसे और उसके साथी थामस गणेश शेडमाके को भी गिरफ्तार किया है।

दुबई से ऑपरेट कर रहा था नबील गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे दुबई में रहने वाले नबील नाम के व्यक्ति के लिए काम कर रहे थे। उनकी उससे पहचान टेलीग्राम के जरिए हुई थी। नबील वहां से एक कॉल सेंटर चला रहा था, जहां से भारत के लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था। पुलिस को गुमराह करने का अनोखा तरीका गिरोह के सदस्य पुलिस से बचने के लिए ठगी के पैसे को कई खातों में छोटे-छोटे हिस्सों में ट्रांसफर कर देते थे। वे 100 रुपये की छोटी रकम 15-20 अलग-अलग खातों में भेजते, ताकि पुलिस को असली ठगों तक पहुंचने से पहले कई स्तरों से गुजरना पड़े और मामला उलझ जाए। अब पुलिस क्या कर रही है? साइबर क्राइम पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि दुबई में बैठकर इसे कौन-कौन चला रहा था। पुलिस को शक है कि भारत में भी इस गिरोह से जुड़े कई लोग अभी सक्रिय हो सकते हैं। ⚠️ अगर आपको कोई संदिग्ध निवेश योजना का ऑफर मिले तो सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।

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