
पंजाब में बनेगी नई हाई-सिक्योरिटी जेल, कुख्यात अपराधियों पर रहेगा कड़ा पहरा
पंजाब सरकार लुधियाना में एक नई हाई-सिक्योरिटी जेल बनाने जा रही है, जहां खतरनाक अपराधियों को कड़ी निगरानी में रखा जाएगा। जेल के निर्माण के लिए स्थान भी तय कर लिया गया है। इस बारे में जानकारी खुद डीजीपी गौरव यादव ने दी। जेल के निर्माण पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट पास हो चुका है।
क्यों पड़ी नई जेल की जरूरत?
पंजाब की मौजूदा जेलों में कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा था। खासकर कुख्यात अपराधियों को सामान्य कैदियों के साथ रखने में दिक्कतें आ रही थीं। इस समस्या को देखते हुए लुधियाना में नई जेल बनाने का फैसला लिया गया।
पंजाब में कितनी जेलें हैं?
फिलहाल, पंजाब में 27 जेलें हैं, जिनमें 7 केंद्रीय जेलें शामिल हैं। लुधियाना में बनने वाली इस हाई-सिक्योरिटी जेल में ‘ए’ और ‘बी’ कैटेगरी के गैंगस्टर और खतरनाक अपराधियों को रखा जाएगा। 200 एकड़ में बनने वाली इस जेल की क्षमता 300 कैदियों की होगी।
जेल में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम
इस जेल को पूरी तरह हाईटेक बनाया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की अवैध गतिविधि को रोका जा सके।
- स्ट्रॉन्ग जैमर: पूरे जेल परिसर में मोबाइल सिग्नल को ब्लॉक करने के लिए स्ट्रॉन्ग जैमर लगाए जाएंगे, ताकि कोई भी कैदी या बाहरी व्यक्ति मोबाइल का इस्तेमाल न कर सके।
- स्टाफ के लिए सख्त नियम: जेल स्टाफ को भी परिसर के अंदर मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। उनके लिए सिर्फ लैंडलाइन फोन की सुविधा दी जाएगी।
- बॉडी स्कैनर: जेल में प्रवेश करने वालों की पूरी तरह जांच के लिए बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे।
- कैदियों के लिए अलग-अलग सेल: कैदी एक-दूसरे से संपर्क न कर सकें, इसके लिए उन्हें अलग-अलग सेल में रखा जाएगा।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा: कैदियों और उनके परिजनों के बीच मुलाकात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई जाएगी।
जेल में ही मिलेगा अस्पताल और डॉग स्क्वाड
नई जेल में कैदियों के इलाज के लिए एक अस्पताल की भी सुविधा होगी। साथ ही, जेल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए डॉग स्क्वाड भी तैनात किया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से होगी निगरानी
पंजाब सरकार जेलों को हाईटेक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। अब जेलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि कैदियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा, राज्य में बढ़ती कैदियों की संख्या को देखते हुए नए बैरक बनाए जाएंगे और जेलों में सुरक्षा उपकरणों को अपग्रेड किया जाएगा।
जेलों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
सरकार जेलों को पूरी तरह अपराध मुक्त करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर भी काम कर रही है। इसके तहत, जेलों में बंदियों से विभिन्न उत्पाद तैयार करवाए जाएंगे, जिससे वे अपने हुनर का उपयोग कर सकें और जेल प्रशासन को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके। पंजाब सरकार का यह कदम राज्य की जेलों में सुधार लाने और अपराध मुक्त व्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।