मुंबई हावड़ा ट्रेन से रेस्क्यू बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित: डॉ. वर्णिका शर्मा का त्वरित निरीक्षण

मानव तस्करी पर सख्ती: आयोग अध्यक्ष ने बच्चों को दिलाया सुरक्षित संरक्षण
नाबालिगों का रेस्क्यू, आरोपी गिरफ्तार:बाल आयोग ने रेस्क्यू बच्चों के पुनर्वास के दिए आदेश
दिनांक 12 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने मानव तस्करी के एक अत्यंत गंभीर प्रकरण का संज्ञान लेते हुए तत्परता से कार्रवाई प्रारंभ की। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा एक ट्रेन से छह नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किए जाने तथा एक युवक की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही डॉ. शर्मा स्वयं बाल कल्याण समिति, रायपुर पहुँचीं और पूरे मामले का संवेदनशीलता के साथ निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान डॉ. वर्णिका शर्मा ने रेस्क्यू किए गए बच्चों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। बच्चों ने बताया कि वे पिछले 6–7 वर्षों से लगातार मजदूरी करने को मजबूर थे। दिवाली के अवसर पर कुछ दिनों के लिए उन्हें घर भेजा जाता था, जिसके बाद पुनः काम पर बुला लिया जाता था। बच्चों ने कठिन श्रम, डांट-फटकार, मारपीट, अपर्याप्त भोजन एवं बहुत कम मजदूरी जैसी अमानवीय परिस्थितियों की जानकारी दी। आरोपी उन्हें नागपुर की ओर ले जाकर दोबारा मजदूरी कराने की योजना बना रहा था।
रेस्क्यू के पश्चात सभी बच्चों को बाल संरक्षण गृह के संरक्षण में लिया गया है। निरीक्षण के दौरान डॉ. वर्णिका शर्मा ने इस पूरे प्रकरण को मानव तस्करी, बाल श्रम तथा शारीरिक व मानसिक शोषण का गंभीर मामला बताते हुए तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण एवं पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
बाल आयोग अध्यक्षा डॉ. वर्णिका ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं बाल संरक्षण गृह को आपसी समन्वय के साथ त्वरित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि बच्चों को भविष्य में किसी भी प्रकार की जोखिमपूर्ण स्थिति का सामना न करना पड़े और उन्हें सुरक्षित वातावरण में समुचित पुनर्वास मिल सके।
डॉ. वर्णिका शर्मा द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश:
* सभी बच्चों का तत्काल मेडिकल परीक्षण कराया जाए।
* प्रत्येक बच्चे की काउंसलिंग एवं मनोवैज्ञानिक सहायता सुनिश्चित की जाए।
* बच्चों के परिवारों का सत्यापन एवं संपर्क की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए।
* आरोपी के विरुद्ध मानव तस्करी, बाल श्रम एवं किशोर न्याय अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।
* बच्चों को सुरक्षित शेल्टर होम में रखकर नियमित निगरानी की जाए।
* बच्चों की शैक्षणिक एवं पुनर्वास योजना तैयार की जाए।
बाल आयोग अध्यक्षा डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा, “मानव तस्करी एक अत्यंत अमानवीय अपराध है। आयोग बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। इस मामले में दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी तथा रेस्क्यू किए गए बच्चों को हर संभव संरक्षण, सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान किया जाएगा।”



