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पेरिस ओलंपिक को लेकर साजिश रचने वाला रूसी जासूस गिरफ्तार

पेरिस । पेरिस ओलंपिक खेलों पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। दुनिया के 206 देशों के10 हजार से ज्यादा एथलीट फ्रांस की राजधानी पहुंचे हैं। फ्रांस पर इन खिलाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।इस बीच, पिछले 14 वर्षों से फ्रांस की राजधानी में रह रहे एक रूसी नागरिक को पेरिस ओलंपिक 2024 को बाधित करने की साजिश रचने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया द्वारा दी गई है।बता दें कि यह विशाल खेल आयोजन शुक्रवार को यहां सीन नदी पर नाव परेड के साथ उद्घाटन समारोह के साथ शुरू होगा। फ्रांसीसी समाचार पत्र ले मोंडे की रिपोर्ट के अनुसार, 40 वर्षीय व्यक्ति, जो पेरिस के एक पाक विद्यालय में प्रशिक्षित एक पूर्व रियलिटी टीवी स्टार है, ने ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में बाधा डालने का दावा किया था, जिसके बाद 21 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
फ्रांसीसी प्रकाशन के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति संघीय सुरक्षा सेवा , रूसी आंतरिक सुरक्षा और प्रति-खुफिया सेवा का एजेंट है। ले मोंडे ने पेरिस के अभियोजक कार्यालय के हवाले से कहा कि उस व्यक्ति को पेरिस में उसके घर से गिरफ्तार किया गया।
ओलंपिक खेल को लेकर रच रहा था साजिश
अखबार के अनुसार, इस बात के सबूत उसके घर से मिले हैं कि वह व्यक्ति साजिश में शामिल था। इसके साथ ही अखबार में कहा गया है कि कई यूरोपीय खुफिया सेवाओं के अनुसार, FSB की कमान के तहत काम करने वाली एक कुलीन रूसी विशेष बल इकाई का नक्शा उसके घर से मिला था। ले मोंडे के अनुसार खुफिया सेवाओं ने दो महीने पहले उस व्यक्ति और रूसी खुफिया सेवा के एक संचालक के बीच हुई बातचीत सुनी थी, जिसमें संदिग्ध ने कहा था कि “फ्रांस एक ऐसा उद्घाटन समारोह आयोजित करने जा रहा है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।” 23 जुलाई को, फ्रांस में शत्रुता भड़काने के उद्देश्य से एक विदेशी शक्ति के साथ खुफिया जानकारी की न्यायिक जांच शुरू की गई और गिरफ्तार व्यक्ति को उसी दिन अभियोग लगाया गया और हिरासत में भेज दिया गया। अभियोक्ता कार्यालय के अनुसार उसे 30 साल की जेल हो सकती है।
ओलंपिक के दौरान 30000 पुलिसकर्मी रहेंगे मौजूद
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष जारी रहने के बावजूद ओलंपिक खेलों का आयोजन हो रहा है। ले मोंडे की रिपोर्ट के अनुसार, ओलंपिक के दौरान प्रतिदिन लगभग 30,000 पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी पेरिस की सड़कों पर घूमेंगे, क्योंकि राजधानी की पुलिस आतंकवादी हमलों से लेकर साइबर अपराध तक विभिन्न खतरों को रोकने के लिए अपने सभी संसाधनों को तैनात करेगी।

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