CM भगवंत मान का बड़ा फैसला, 72 शिक्षक फिनलैंड में करेंगे आधुनिक शिक्षा प्रणाली की पढ़ाई

पंजाब के शिक्षकों को विदेश में ट्रेनिंग, सीएम भगवंत मान बोले- शिक्षा में बड़ा बदलाव लाने की कोशिश
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को 72 शिक्षकों के बैच को फिनलैंड में ट्रेनिंग के लिए रवाना किया। इस दौरान उनके साथ शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में ट्रेनिंग लेकर लौट रहे शिक्षक और प्रिंसिपल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत बना रहे हैं और वे शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने वाले दूत की तरह काम कर रहे हैं।
विदेश जाने से पहले शिक्षकों से बातचीत
चंडीगढ़ में अपने सरकारी आवास से शिक्षकों को हरी झंडी दिखाने से पहले भगवंत मान ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि AAP और अरविंद केजरीवाल के प्रयासों की वजह से शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे मुद्दे अब बाकी राजनीतिक दलों की भी प्राथमिकता बन गए हैं।
फिनलैंड में ट्रेनिंग लेकर आएंगे नई सीख
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 234 प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारियों को सिंगापुर में पांच दिन के नेतृत्व विकास कार्यक्रम के लिए भेजा जा चुका है। इस बार 72 प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को फिनलैंड के तुर्कू शहर में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है, जहां वे आधुनिक शिक्षा प्रणाली को समझेंगे।
सिंगापुर जा चुका है शिक्षकों का सातवां बैच
इससे पहले, 8 मार्च को 36 प्रिंसिपलों का सातवां बैच सिंगापुर गया था। उस समय भी सीएम भगवंत मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इसे पंजाब के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया था। उन्होंने कहा कि बेहतर ट्रेनिंग से सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े हैं और शिक्षकों को नई तकनीकों की जानकारी मिल रही है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सकेगी।
महिला शिक्षकों की भागीदारी पर गर्व
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में शिक्षा सुधार की यह यात्रा तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस बात पर खास खुशी जताई कि विदेश में ट्रेनिंग के लिए जाने वाले शिक्षकों में ज्यादातर महिलाएं हैं। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक अहम कदम है।
शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग देने में अव्वल पंजाब
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार अब तक 306 प्रिंसिपल और शिक्षकों को विदेश में ट्रेनिंग दिला चुकी है। इससे पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जो अपने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस पहल को आगे भी जारी रखा जाएगा, ताकि सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाया जा सके और बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दी जा सके।