
बहुत से लोगों को लाइट जलाकर या हल्की रोशनी में सोने की आदत होती है। उन्हें लगता है कि इससे कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि यह रात में जागने पर सहूलियत देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंधेरे में सोना आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है? रात में लाइट ऑन रखकर सोने से नींद खराब हो सकती है, दिमाग पर असर पड़ सकता है और धीरे-धीरे यह सेहत से जुड़ी कई परेशानियों को जन्म दे सकता है। तो आइए समझते हैं कि सोते समय रोशनी क्यों बंद करनी चाहिए और इसका हमारे शरीर पर क्या असर पड़ता है।
लाइट जलाकर सोने से क्या नुकसान हो सकता है?
अगर आप रोशनी में सोते हैं, तो आपका नर्वस सिस्टम पूरी तरह से रिलैक्स नहीं हो पाता। इससे शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया प्रभावित होती है और इसका सीधा असर नींद, दिल की धड़कन (हार्ट रेट) और इंसुलिन के स्तर पर पड़ता है।
दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इंसुलिन लेवल गड़बड़ा सकता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। शरीर सही तरह से काम नहीं कर पाता, जिससे वजन बढ़ने, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं।
मेलाटोनिन की कमी से नींद पर असर पड़ता है हमारी आंखें एक खास हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन करती हैं, जिसे “नींद का हार्मोन” भी कहा जाता है। जब हम अंधेरे में होते हैं, तो मेलाटोनिन ज्यादा बनता है, जिससे हमें गहरी और आरामदायक नींद मिलती है। अगर रोशनी जलती रहती है, तो मेलाटोनिन का उत्पादन रुक जाता है, जिससे नींद बार-बार टूटती है और अनिद्रा की समस्या हो सकती है। मेलाटोनिन की कमी तनाव, चिंता और मूड स्विंग जैसी समस्याओं को भी बढ़ा सकती है।
अंधेरे में सोने के फायदे – अगर आप अंधेरे में सोने की आदत डाल लें, तो इसका असर आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक पड़ता है। नींद बेहतर होती है, जिससे आप सुबह ज्यादा फ्रेश महसूस करते हैं। तनाव और चिंता कम होती है, क्योंकि मेलाटोनिन मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है। मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है।