नगर निगम रायपुर संस्कृति विभाग की शहर की संस्कृति एवं धरोहर से बच्चों को अवगत करवाने अनूठी पहल कल्चर डे बच्चों सहित हेरिटेज वाक, निगम संस्कृति विभाग द्वारा सकारात्मक आयोजन
रायपुर –रायपुर जिला कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार और रायपुर नगर पालिक निगम के आयुक्त अबिनाश मिश्रा के निर्देशानुसार नगर निगम उपयुक्त संस्कृति विभाग डॉक्टर अंजलि शर्मा के मार्गदर्शन में नगर निगम के संस्कृति विभाग ने शहर की संस्कृति और धरोहर से बच्चों को अवगत कराने के लिए एक अनूठी पहल की है। उपायुक्त डॉक्टर अंजलि शर्मा ने जानकारी दी है कि नगर निगम संस्कृति विभाग द्वारा शहर की संस्कृति एवं धरोहर के संरक्षण हेतु सकारात्मक आयोजन जारी रखे जायेंगे, जिसमें सभी नागरिकों की सहभागिता अपेक्षित है, विगत दिवस 24 जनवरी को सरस्वती कन्या शाला पुरानी बस्ती में मनाया गया कल्चर डे, जिसके तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक की स्कूल छात्राओं को संस्कृति का महत्व और धरोहर को संरक्षित करने का सन्देश देने के लिए चित्रकला, पोस्टर डिज़ाइन, रंगोली और निबंध लेखन प्रतिस्पर्धा का आयोजन रखा गया।
स्कूल की छात्राओं ने विषय में अपनी रूचि दिखाते हुए अपनी कला का प्रदर्शन किया और रायपुर शहर की प्राचीन संस्कृति और धरोहर को लेकर सकारात्मक सन्देश दिया। किसी ने स्वामी विवेकानंद का चित्र बनाया, तो किसी ने दूधाधारी मठ का। बच्चों ने संस्कृति से जुड़े विषयों पर निबंध लिखे और सुन्दर रंगोली द्वारा भी रायपुर की संस्कृति पर प्रकाश डाला। कंज़र्वेशन आर्किटेक्ट निष्ठा जोशी ने छात्राओं के साथ बातचीत में उन्हें रायपुर के ऐतिहासिक स्थलों और उनके महत्व के बारे में बताया। इस कड़ी में आज सुबह नगर निगम रायपुर के संस्कृति विभाग द्वारा सरस्वती स्कूल एवं एनआईटी रायपुर के विद्यार्थियों के लिए हेरिटेज वाक का आयोजन रखा गया। इस हेरिटेज वाक में बच्चों को पुरानी बस्ती स्तिथ नागरीदास मंदिर, हनुमान बावली, जैतूसाव मठ, जगन्नाथ मंदिर और टुरी हटरी का भ्रमण करवाया गया। इस उपलक्ष्य पर बच्चों के साथ मुख्य रूप से नगर निगम संस्कृति विभाग की उपायुक्त डॉक्टर अंजलि शर्मा,उपायुक्त डॉक्टर दिव्या चनद्रवंशी सहित नगर निगम संस्कृति विभाग की श्रीमती श्वेता शिंदे एवं उप अभियंता उद्यानिकी विभाग श्री आशुतोष पांडेय की उपस्थिति रही। बच्चों ने हेरिटेज वाक में अपनी जिज्ञासाओं से अपने सहज भाव से रायपुर शहर के इतिहास के बारे में कई रोचक तथ्य जाने।
जैतूसाव मठ रायपुर में स्वतंत्रता संग्राम से जुडी हुयी एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ न सिर्फ रायपुर या छत्तीसगढ़ राज्य अपितु पूरे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इक्कट्ठे हुआ करते थे। मठ की दीवारों पर आज भी कई ऐसी ऐतिहासिक तस्वीरें लगी हुयी हैँ, जो इसकी साक्षी हैँ। जैतूसाव मठ के द्वितीय महंत लक्ष्मी नारायण दास जी स्वयं एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। इस मठ में एक ऐसी पाठशाला चलती है, जहा आज भी बच्चे संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त करते हैँ। टुरी हटरी के बारे में बात करते हुए निष्ठा जोशी ने बच्चों को बताया कि यह लगभग 400 वर्ष पुराना बाजार है, जहा छोटी बच्चियाँ दूकान लगाया करती थीं, इसलिए इस जगह का नाम टुरी हटरी पड़ा। बाजार का स्वरुप आज बदल गया है, लेकिन जगह का महत्व कम नहीं हुआ है। बाजार किसी भी नगर में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैँ । ये न सिर्फ आर्थिक नज़रिये से ज़रूरी थे, बल्कि संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अहम स्थान हुआ करते थे। गौर किया जाये कि पुरानी बस्ती रायपुर के सबसे पुराने इलाकों में से एक है। कार्यक्रम के अंत में सरस्वती स्कूल के प्रांगण में हेरिटेज वाक के सभी प्रतिभागियों एवं कल्चर डे की प्रतियोगिताओं में जीतने वाली कुशल छात्राओं को सर्टिफिकेट और पुरस्कार दिए गए। प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार वितरण नगर निगम रायपुर के संस्कृति विभाग द्वारा नगर के गणमान्यजनों की उपस्थिति में सरसती कन्या शाला पुरानी बस्ती की प्राचार्या श्रीमती सीमा वर्मा एवं स्कूल प्रबंधन के सहयोग से किया गया। अंत में नगर निगम संस्कृति विभाग की उपायुक्त डॉक्टर अंजलि शर्मा ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए संस्कृति को सुरक्षा हेतु संरक्षण का सकारात्मक सन्देश दिया और मतदान के महत्व को बताते हुए सभी बच्चों को सामूहिक मतदान शपथ दिलवाई।