8th Pay Commission: सरकार ने बजट से पहले अपने कर्मचारियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। गुरुवार, 16 जनवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी में 186% तक का इजाफा हो सकता है। हालांकि, इसका असर सरकार के खजाने और अगले बजट पर साफ दिखाई देगा।
2026-27 में लागू हो सकता है नया आयोग 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेंगी। ऐसे में 8वें वेतन आयोग का गठन 2026-27 में होने की उम्मीद है। पिछली बार के अनुभवों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार सरकारी खजाने पर खर्च का बोझ काफी ज्यादा बढ़ सकता है।
सैलरी और खर्च का इतिहास 6वें वेतन आयोग से सरकार पर 22,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ा था। जबकि 7वें वेतन आयोग में यह खर्च बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इससे साफ है कि 8वें वेतन आयोग के बाद सरकारी सैलरी बिल का असर और ज्यादा होगा।
सरकारी कर्मचारियों की संख्या में भी बढ़ोतरी सरकारी खर्च में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण कर्मचारियों की बढ़ती संख्या है। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने अपने कार्यबल को 35.6 लाख तक बढ़ा लिया, जबकि इससे पहले डाउनसाइजिंग का ट्रेंड चल रहा था। इसके अलावा, पेंशन बिल में भी बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पेंशन खर्च पर भी असर 2009-10 में पेंशन खर्च में 70% का इजाफा हुआ था, जबकि 2016-17 में यह बढ़ोतरी 35.8% थी। पिछले दो वेतन आयोगों के दौरान सैलरी और पेंशन खर्च का अंतर करीब 5 गुना बढ़ा है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग के बाद खर्च और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
सरकार के लिए चुनौती इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत जरूर मिलेगी, लेकिन सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन बढ़ते खर्चों को कैसे संतुलित करती है और बजट पर इसका क्या असर पड़ता है।