Join us?

देश

अरुणाचल में 50 प्रतिशत बच्चों को टीके की कोई डोज नहीं मिली

नई दिल्ली। भारत में खसरे के टीकाकरण के लिए पात्र लगभग 12 प्रतिशत बच्चों को अनुशंसित दो डोज में से कोई भी प्राप्त नहीं हुआ। यह टीकाकरण कवरेज में संबंधित गैप का संकेत है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि पूर्वोत्तर राज्यों में शून्य डोज के मामले सर्वाधिक थे, जिसमें नागालैंड की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी। वहीं, तमिलनाडु में यह सबसे कम 4.6 प्रतिशत देखा गया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने खसरे के टीकाकरण के नजरअंदाज किए गए महत्वपूर्ण पहलुओं की जांच की। इसमें शून्य डोज, आंशिक रूप से टीकाकरण और पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को लेकर अध्ययन किया गया।उन्होंने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2019-21 के माध्यम से एकत्र 2-3 वर्ष की आयु के 43,000 से अधिक बच्चों के डाटा का विश्लेषण किया। टीम ने पाया कि लगभग 30 प्रतिशत पात्र बच्चों को खसरे का केवल एक टीका लगा था। वहीं, लगभग 60 प्रतिशत का पूर्ण टीकाकरण किया गया। यह अध्ययन वैक्सीन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। विश्लेषण से जिलों में भी टीकाकरण को लेकर विविधता का पता चला। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज और बांदा में क्रमश: 34 प्रतिशत और 32 प्रतिशत मामले शून्य डोज वाले पाए गए, वहीं हापुड़ और इटावा में 2.6 और 2.1 प्रतिशत मामले पाए गए।
अरुणाचल प्रदेश भी एक और ऐसा उदाहरण है, जहां पश्चिम सियांग जिले में लगभग 50 प्रतिशत पात्र बच्चों को टीके की कोई डोज नहीं मिली, जबकि निचली दिबांग घाटी में ऐसे मामलों का प्रतिशत केवल 2.8 है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button