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वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2025: सतविक-चिराग का सफर खत्म, सेमीफाइनल में मिली हार और ब्रॉन्ज मेडल से संतोष

 बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप: फाइनल का सपना टूटा, पर भारत की शान बरकरार!

सेमीफाइनल का रोमांच: चीनी दीवार के सामने भारतीय शेर-बैडमिंटन की दुनिया में भारत का परचम लहराने वाली हमारी स्टार जोड़ी, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी, विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने से चूक गई। शनिवार को हुए एक कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें चीन के युवा और खतरनाक जोड़ीदार चेन बो यांग और लियू यी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। पूरे 67 मिनट तक चले इस कांटे की टक्कर में भारतीय जोड़ी ने अपना सब कुछ झोंक दिया, लेकिन अंततः उन्हें 19-21, 21-18, 12-21 से हार झेलनी पड़ी। इस हार के साथ ही फाइनल में इतिहास रचने का उनका सपना तो टूट गया, लेकिन उन्होंने एक और कांस्य पदक जीतकर देश का सिर गर्व से ऊंचा किया। यह उनका दूसरा विश्व चैम्पियनशिप पदक है, इससे पहले 2022 में भी उन्होंने कांस्य जीता था। हालांकि, इस बार उनकी नजरें फाइनल में पहुंचने पर थीं, जो किसी भारतीय पुरुष युगल जोड़ी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होती। पर चीनी खिलाड़ियों के मजबूत डिफेंस और सटीक खेल ने उनके रास्ते में कांटे बिछा दिए।

पहले गेम में दबदबा, फिर वापसी का संघर्ष-मैच की शुरुआत भारतीय जोड़ी के लिए बेहद शानदार रही। सात्विक और चिराग ने पहले गेम में 9-3 की मजबूत बढ़त बना ली थी और वे पूरी तरह से आक्रामक खेल दिखा रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वे आसानी से पहला गेम जीत लेंगे। लेकिन चीनी जोड़ी ने हार मानने वालों में से नहीं थी। उन्होंने अपनी बेहतरीन डिफेंस और तेज जवाबी हमलों से खेल में वापसी की और पहला गेम 21-19 से अपने नाम कर लिया। इस अप्रत्याशित हार से भारतीय खेमे में थोड़ी मायूसी छाई, लेकिन दूसरे गेम में उन्होंने फिर से जोश भरा।

दूसरे गेम में वापसी, पर तीसरे में निराशा-दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने अपनी खोई हुई लय वापस पाई। चिराग की नेट पर फुर्ती और सात्विक की शक्तिशाली स्मैश ने उन्हें फिर से बढ़त दिलाई। हालांकि, खेल के बीच में कुछ गलतियों के कारण मैच थोड़ा बराबरी पर आ गया था, लेकिन अंत में भारतीय जोड़ी ने शानदार वापसी करते हुए दूसरा गेम 21-18 से जीत लिया। अब सारा दारोमदार तीसरे और निर्णायक गेम पर था। लेकिन यहां कहानी पूरी तरह से बदल गई। चीनी जोड़ी ने अपनी सर्विस में आक्रामकता और तेज तर्रार शॉट्स से भारतीय खिलाड़ियों को बैकफुट पर धकेल दिया। शुरुआत में ही उन्होंने 9-0 की ऐसी बढ़त बना ली, जिससे उबरना भारतीय जोड़ी के लिए नामुमकिन साबित हुआ। अंततः, चीन ने तीसरा गेम 21-12 से जीतकर मैच अपने नाम कर लिया।

चोटों और निजी दुखों से लड़कर की वापसी-सात्विक और चिराग का यह सीजन वाकई उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल की शुरुआत में उन्होंने मलेशिया और इंडिया ओपन के सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। लेकिन इसके बाद चोटों और स्वास्थ्य समस्याओं ने उन्हें काफी परेशान किया। सात्विक को जहां कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं चिराग की पीठ की चोट ने उन्हें कई हफ्तों तक कोर्ट से दूर रखा। इतना ही नहीं, इसी साल फरवरी में सात्विक को अपने पिता के निधन का गहरा सदमा भी झेलना पड़ा। इन तमाम मुश्किलों के बावजूद, दोनों खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी और जबरदस्त वापसी की। उन्होंने इंडोनेशिया ओपन और सिंगापुर ओपन में क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया। यह कांस्य पदक भले ही उनके फाइनल जीतने के सपने को पूरा न कर सका हो, लेकिन यह इस बात का प्रमाण है कि वे लगातार विश्व स्तर पर अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। यह जोड़ी निश्चित रूप से आने वाले टूर्नामेंट्स में भारत के लिए एक बड़ी उम्मीद बनी रहेगी।

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