
ऐप्पल के सीईओ टिम कुक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई एक चर्चा ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। ट्रम्प ने कुक को सलाह दी कि ऐप्पल को भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने से बचना चाहिए और इसके बजाय अमेरिका में उत्पादन बढ़ाना चाहिए। इस घटनाक्रम के कई पहलू हैं, जिन्हें विस्तार से समझने की ज़रूरत है।
ट्रम्प की चिंताएँ और तर्क – ट्रम्प का मानना है कि भारत में उत्पादन करने से अमेरिका को नुकसान होगा। उन्होंने तर्क दिया कि भारत ने अमेरिका को शून्य टैरिफ व्यापार समझौते की पेशकश की है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारत में उत्पादन करने का प्रलोभन मिल सकता है। ट्रम्प का कहना है कि ऐप्पल को अमेरिका में उत्पादन बढ़ाना चाहिए, जहाँ उसे बेहतर अवसर और समर्थन मिल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ वाले देशों में से एक है, और ऐप्पल को भारत में उत्पादन करने से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि उन्होंने कई सालों तक चीन में ऐप्पल के संयंत्रों को सहन किया है, और अब ऐप्पल को अमेरिका में उत्पादन करना चाहिए।
ऐप्पल का भारत में विस्तार – ऐप्पल ने भारत में अपने उत्पादन का काफी विस्तार किया है। कंपनी का लक्ष्य 2025 तक भारत में 22 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन का उत्पादन करना है, जो पिछले साल की तुलना में 60% की वृद्धि है। ऐप्पल के 50% आईफोन भारत में बनते हैं और अमेरिकी बाजार में बिकते हैं। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते स्मार्टफोन बाजारों में से एक है, और ऐप्पल इस बाजार का लाभ उठाना चाहता है। ऐप्पल इंडिया में बने अपने 70% आईफोन को निर्यात करता है, जिससे उसे टैरिफ से लाभ मिलता है।
भारत में उत्पादन के फायदे और नुकसान – भारत में उत्पादन करने के कई फायदे हैं, जैसे कि कम श्रम लागत और बड़ा बाजार। हालाँकि, भारत में उत्पादन करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे कि जटिल नियम और विनियम, बुनियादी ढाँचे की कमी, और आपूर्ति श्रृंखला में चुनौतियाँ।