एफडीए से मंजूरी प्राप्त सोटाग्लिफ्लोज़िन दवा: टाइप 2 डायबिटीज के साथ-साथ हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को 23% तक कम कर सकती है
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हाल ही में, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए सोटाग्लिफ्लोज़िन नामक दवा को मंजूरी दी है, जो कि काफी प्रभावी साबित हो रही है। यह दवा न केवल ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती है, बल्कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी 23% तक कम करने में सहायक साबित हुई है।
सोटाग्लिफ्लोज़िन: किडनी और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद – भारतीय मूल के वैज्ञानिकों की अगुआई में हुए एक अंतरराष्ट्रीय शोध में यह पाया गया है कि सोटाग्लिफ्लोज़िन किडनी रोग और हृदय समस्याओं के इलाज में भी बेहद असरदार है। इस दवा का तरीका एसजीएलटी अवरोधक के रूप में काम करता है, जो शरीर में दो खास प्रोटीन एसजीएलटी1 और एसजीएलटी2 की क्रिया को रोकता है। ये प्रोटीन कोशिकाओं में ग्लूकोज और सोडियम के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं, जिससे ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद मिलती है। इस दवा का खास बात यह है कि यह केवल एसजीएलटी2 पर प्रभाव डालने वाली अन्य दवाओं से अलग है, क्योंकि यह एसजीएलटी1 को भी प्रभावी तरीके से रोकती है।
माउंट सिनाई फस्टर हार्ट हॉस्पिटल के निदेशक और अमेरिका की इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में कार्डियोवस्कुलर मेडिसिन के प्रोफेसर, डॉ. दीपक एल. भट्ट ने बताया, “यह शोध इस नए तंत्र को प्रदर्शित करता है, जिससे यह दवा हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने में मदद करती है। सोटाग्लिफ्लोज़िन का इस्तेमाल करने से गुर्दे, आंत, दिल और दिमाग में मौजूद एसजीएलटी1 रिसेप्टर्स और केवल गुर्दे में पाए जाने वाले एसजीएलटी2 रिसेप्टर्स दोनों को एक साथ रोका जा सकता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।”
शोध में मिले अहम परिणाम – यह शोध ‘द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था, जिसमें 10,584 मरीजों को शामिल किया गया था। इन मरीजों में से अधिकांश लोग पुरानी किडनी बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग से जुड़े जोखिमों से जूझ रहे थे। इन मरीजों को औसतन 16 महीने तक सोटाग्लिफ्लोज़िन दवा दी गई, और शोध में पाया गया कि इस दवा ने हृदय संबंधित कारणों से होने वाली मृत्यु के जोखिम को कम करने में मदद की। नए आंकड़ों के अनुसार, सोटाग्लिफ्लोज़िन लेने वाले मरीजों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय संबंधी कारणों से मृत्यु का खतरा 23% तक घट गया।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करने में अहम भूमिका – यह दवा पहले से ही हृदय रोग, हार्ट फेल्योर और टाइप 2 डायबिटीज से जुड़े मरीजों में हृदय से संबंधित समस्याओं के कारण होने वाली मौतों के जोखिम को कम करने के लिए मंजूरी प्राप्त कर चुकी थी। अब, नए शोध से यह भी साबित हुआ है कि यह दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकती है, जिससे यह और भी ज्यादा प्रभावी साबित हो सकती है।