
रुपया लुढ़का: क्या हैं इसके पीछे की बड़ी वजहें?-सोमवार को रुपये में भारी गिरावट देखने को मिली, और यह 26 पैसे गिरकर 85.66 प्रति डॉलर पर आ गया। ये गिरावट कई कारणों से हुई है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं
1. शेयर बाजार में आई गिरावट:घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में 170 अंक और निफ्टी में 53 अंक की गिरावट से निवेशकों का भरोसा कम हुआ है, जिसका सीधा असर रुपये पर पड़ा है। कमजोर घरेलू बाजार रुपये के लिए चिंता का विषय बन गया है।
2. एफआईआई की बिकवाली:विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 760 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच दी। जब एफआईआई भारतीय बाजार से पैसे निकालते हैं, तो उन्हें डॉलर में पैसा वापस भेजना होता है, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ता है।
3. अमेरिका का टैरिफ दबाव:अमेरिका ने अपने व्यापारिक साझेदारों पर 9 जुलाई तक नए व्यापारिक समझौते करने का दबाव बढ़ाया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो 1 अगस्त से टैरिफ बढ़ा दिए जाएंगे। इससे वैश्विक व्यापार और बाजार की स्थिरता पर सवालिया निशान लग गया है, और रुपये पर भी इसका असर दिख रहा है।
4. डॉलर इंडेक्स में गिरावट, लेकिन फायदा नहीं:हालांकि डॉलर इंडेक्स में 0.10% की गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में कमी हुई है, लेकिन इससे रुपये को कोई फायदा नहीं हुआ। एफआईआई की बिकवाली और शेयर बाजार की गिरावट ने इन सकारात्मक पहलुओं को प्रभावहीन कर दिया।
5. बैंकों की भूमिका:राष्ट्रीयकृत बैंक डॉलर खरीद रहे हैं, जबकि निर्यातक और अन्य निवेशक डॉलर की कीमत बढ़ने पर उसे बेच रहे हैं। इससे रुपये की कीमत 85.30 से 85.80 के बीच रहने का अनुमान है।
6. निवेशकों की चिंता:ट्रंप की अस्थिर टैरिफ नीति और इसके आर्थिक प्रभाव को लेकर निवेशकों में चिंता है, जिसका असर डॉलर और रुपये दोनों पर पड़ रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद, बाजार में घबराहट बनी हुई है।
7. विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि, लेकिन असर नहीं:भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है, लेकिन इससे रुपये की गिरावट को नहीं रोका जा सका। यह दर्शाता है कि छोटे समय के उतार-चढ़ाव को रोकना मुश्किल है।