सड़क की खोदाई बढ़ा रही वायु प्रदूषण, आयोग ने भेजा नोटिस
देहरादून। पिछले कुछ वर्षों से विकास कार्यों के लिए दून की सड़कों पर चौतरफा खोदाई का आलम है। सीवर और पेयजल लाइन बिछाने से लेकर गेल की गैस लाइन, स्मार्ट रोड, बिजली की लाइनों को भूमिगत करने और अन्य कार्यों के लिए निरंतर खोदाई की जा रही है।
नहीं किए जा रहे धूल कणों पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा के उपाय
अधिकतर कार्यों में धूल कणों पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। जिससे वातावरण में सूक्ष्म धूल कण पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ने से वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है।
हालांकि, यह पहली बार हुआ है, जब निर्माण कार्यों में पर्यावरणीय मानकों का पालन करने के लिए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किसी निर्माण एजेंसी को पत्र लिखा है।
यह कार्यवाही भी बोर्ड ने स्वयं संज्ञान लेकर नहीं की, बल्कि मानवाधिकार आयोग को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।दरअसल, समाजसेवी अजय कुमार ने दूधली-मोथरोवाला पर सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी जा रही लाइन को लेकर मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि खोदाई के दौरान धूल कणों पर अंकुश लगाने के लिए कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
शिकायत पर संज्ञान लेकर मानवाधिकार आयोग ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इसका असर यह हुआ कि बोर्ड ने कार्यदायी संस्था पेयजल निगम को पत्र भेजकर निर्माण कार्यों के दौरान मानकों का पालन करने की अपेक्षा की है।
देहरादून: दून में वायु प्रदूषण से कुछ दिन राहत के बाद अब फिर एक्यूआइ बढ़ने लगा है। बीते तीन दिन से इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। जबकि, इससे पहले एक सप्ताह तक शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद संतोषजनक हो गया था। लंबे समय से वर्षा न होने और मौसम शुष्क बना रहने से भी हवा में तैर रहे धूल-मिट्टी के कण बैठ नहीं रहे हैं।मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं घने कोहरे और धुंध के कारण परेशानी बरकरार है। दून में मंगलवार को औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 143 दर्ज किया गया। जो कि खराब की श्रेणी में आता है। बीते तीन दिन से लगातार एक्यूआइ 100 से अधिक बना हुआ है। जबकि, करीब इससे पहले एक सप्ताह तक दून हवा संतोषजनक बनी रही। पूर्व में इस माह तीन से चार बाद दून का औसत एक्यूआइ 300 से अधिक भी दर्ज किया गया, जो कि सांस के रोगियों के लिए बेहद खतरनाक माना जाएगा। साथ ही दो सौ के आसपास भी कई बार बने से रहने सांस के रोगियों के लिए दून की हवा खराब बनी रही। फिलहाल बेहद खतरनाक स्थिति तो नहीं है, लेकिन एक्यूआइ फिर बढ़ना चिंताजनक है।
हालांकि, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े दून विवि क्षेत्र के हैं, शहर के मुख्य क्षेत्रों में एक्यूआइ अधिक होने की आशंका है। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वायु प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम के साथ मिलकर विभिन्न प्रयास किए जाने के दावे भी किए जा रहे हैं।
दून समेत प्रदेशभर में ही मौसम शुष्क बना हुआ है। लंबे समय से वर्षा दर्ज नहीं की गई। हालांकि, फिलहाल आगे भी बारिश के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। पहाड़ से मैदान तक चटख धूप खिली रह सकती है। तापमान सामान्य या उससे कुछ अधिक बना रह सकता है। लगभग एक सप्ताह तक वर्षा के आसार नहीं हैं।