प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: कर्ज सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव, छोटे कारोबारियों को मिल सकती है राहत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय बजट 2025 से पहले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत कर्ज सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में शिशु श्रेणी के लिए कर्ज सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹5 लाख और किशोर श्रेणी के लिए ₹10 लाख तक करने की सिफारिश की गई है। माना जा रहा है कि अगर इस पर मुहर लगती है, तो यह छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है।
शिशु और किशोर श्रेणियों में क्या बदलाव होगा?
- शिशु श्रेणी (Shishu Category) मौजूदा कर्ज सीमा: ₹50,000 प्रस्तावित नई सीमा: ₹5 लाख
- किशोर श्रेणी (Kishor Category) मौजूदा कर्ज सीमा: ₹50,001 से ₹5 लाख प्रस्तावित नई सीमा: ₹10 लाख
मुद्रा योजना में मौजूदा कर्ज श्रेणियां प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत फिलहाल तीन तरह की कर्ज श्रेणियां हैं:
- शिशु श्रेणी: ₹50,000 तक का कर्ज
- किशोर श्रेणी: ₹50,001 से ₹5 लाख तक का कर्ज
- तरुण श्रेणी: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का कर्ज
मुद्रा योजना की उपलब्धियां – प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 17 जनवरी 2025 तक 3.7 करोड़ कर्ज स्वीकृत किए गए हैं। इसके जरिए ₹3.66 लाख करोड़ का कर्ज वितरित किया जा चुका है। यह योजना छोटे और मध्यम कारोबारियों को आर्थिक मजबूती देने में अहम भूमिका निभा रही है। हालांकि, कर्ज वितरण के तय लक्ष्य को हासिल करने में बैंक और वित्तीय संस्थानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बैंकों का प्रदर्शन कैसा रहा?
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB): अक्टूबर 2024 तक सिर्फ 42% कर्ज वितरण का लक्ष्य पूरा कर पाए।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs):
- बैंक ऑफ बड़ौदा: सिर्फ 16% लक्ष्य पूरा कर पाया।
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI): 44% लक्ष्य तक ही पहुंच पाया।
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 57% लक्ष्य हासिल करके सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।
NPA में कमी आई – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि मुद्रा योजना के तहत बैंकों का फंसा हुआ कर्ज (NPA) कम हुआ हैl सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक: 2023-24 में NPA घटकर 3.4% रह गया, जो 2020-21 में 4.77% था l निजी क्षेत्र के बैंक: 2023-24 में NPA घटकर 0.95% रह गया।
छोटे कारोबारियों को होगा बड़ा फायदा – अगर शिशु और किशोर श्रेणियों की कर्ज सीमा बढ़ाने का यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इसका सीधा फायदा छोटे और मध्यम कारोबारियों को होगा। इससे न केवल उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।यह कदम छोटे कारोबारियों को नई ऊर्जा देगा और उन्हें अपने काम को विस्तार देने का मौका मिलेगा। केंद्रीय बजट 2025 में इस पर फैसला लिया जाएगा, और छोटे कारोबारियों को इस फैसले का बेसब्री से इंतजार है।