स्मार्ट मीटर को लेकर जनता नाराज़, सीएम धामी बोले- पहले मंत्रियों के घर लगेंगे मीटर

उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर को लेकर बवाल, सरकार ने दी सफाई
उत्तराखंड में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जाने का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है। इस पर सफाई देते हुए ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि यह फैसला राज्य सरकार का नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का है। उन्होंने दावा किया कि इन मीटरों से उपभोक्ताओं को फायदा होगा और वे अपनी बिजली खपत की पूरी जानकारी मोबाइल पर देख सकेंगे।
अभी लग रहे हैं पोस्टपेड स्मार्ट मीटर
ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि फिलहाल राज्य में जो मीटर लगाए जा रहे हैं, वे पोस्टपेड स्मार्ट मीटर हैं। ये मोबाइल से जुड़ सकते हैं, जिससे उपभोक्ता अपनी रोजाना की बिजली खपत की जानकारी सीधे फोन पर देख सकेंगे। अगर कोई उपभोक्ता प्रीपेड मीटर लगवाना चाहता है, तो उसे बिजली बिल में 4% की छूट मिलेगी। सरकार का मानना है कि स्मार्ट मीटर से लोग बिजली बचाने के लिए प्रेरित होंगे।
रीडिंग की गलतियों से मिलेगी राहत
ऊर्जा सचिव के मुताबिक, मीटर रीडिंग को लेकर उपभोक्ताओं की सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं। कई बार गलत रीडिंग की वजह से ज्यादा बिल आ जाता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। स्मार्ट मीटर लगने से यह समस्या खत्म हो जाएगी, क्योंकि उपभोक्ता खुद अपनी खपत पर नजर रख सकेंगे। मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि गलत रीडिंग की शिकायतें मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल पर भी आती हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर से यह झंझट खत्म हो जाएगा।
मंत्रियों के घरों से होगी शुरुआत
जनता के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस मामले में दखल दिया है। उन्होंने आदेश दिया कि सबसे पहले राज्य के सभी मंत्रियों के सरकारी और निजी आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, ताकि जनता को भरोसा हो कि यह योजना पारदर्शी तरीके से लागू की जा रही है। इस निर्देश के बाद ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने भी अपने घर पर स्मार्ट मीटर लगवा लिया है।
सरकार का कहना है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होंगे, लेकिन जनता में इसे लेकर संदेह बना हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार लोगों का भरोसा कैसे जीतती है।