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ऑपरेशन सिंदूर: आखिर क्यों चुने गए पाकिस्तान के ये 9 आतंकी अड्डे? जानिए पूरी कहानी

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को मिला करारा जवाब, अब कभी नहीं भूलेगा ये जख्म

आखिरकार वो वक़्त आ ही गया जब भारत ने पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों का ऐसा जवाब दिया कि उसकी तो हालत ही खराब हो गई, और अब चैन से सो भी नहीं पाएगा। जो पड़ोसी देश अब तक आतंकियों को पनाह देता रहा है, अब शायद ही कभी इस चोट को भूल पाए। 6 और 7 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में कुल 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इनमें से 4 ठिकाने पाकिस्तान के अंदर थे और 5 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में।

जिन जगहों पर हमले हुए, वो ये हैं:

  • बहावलपुर
  • मुरीदके
  • गुलपुर
  • भीमबर
  • चक अमरू
  • बाग
  • कोटली
  • सियालकोट
  • मुजफ्फराबाद

इन 9 जगहों को ही क्यों चुना गया?

इसका जवाब सीधा है—ये सब वही जगहें हैं जहाँ आतंकवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है, जबकि मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा है। गुलपुर, भीमबर, चक अमरू, कोटली और बाग जैश के ट्रेनिंग कैंप्स कहे जाते हैं। वहीं सियालकोट और मुजफ्फराबाद हिज्बुल मुजाहिदीन के पसंदीदा इलाके हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के 50 से ज़्यादा आतंकी मारे गए।

सोच समझकर किया गया हमला, जल्दबाजी नहीं

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा था और हर कोई जानता था कि अब कुछ बड़ा होने वाला है। हालाँकि विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था कि कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है। लेकिन भारत ने गुस्से में आकर कोई जल्दी नहीं दिखाई, बल्कि पूरी प्लानिंग और पक्की जानकारी के साथ पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला किया। बताया जा रहा है कि इन ठिकानों की पहचान रॉ की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। रक्षा मंत्रालय की तरफ से भी साफ कहा गया है कि भारत ने ये हमला बहुत सोच-समझकर और बिना किसी उकसावे के किया है।

‘मोदी को बता देना’ का जवाब बना ‘ऑपरेशन सिंदूर’

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ था, उसमें आतंकियों ने टूरिस्टों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोली चलाई थी। उनमें से एक आतंकी ने घायल महिला से कहा था—’तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ जाकर मोदी को बता देना’। ये बात सामने आने के बाद पूरे देश का खून खौल गया था। हर भारतीय इस बात का इंतज़ार कर रहा था कि अब मोदी क्या जवाब देंगे—और अब वो जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बनकर सामने आया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का मजबूत पक्ष

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बड़े अधिकारियों ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस जैसे बड़े देशों के अधिकारियों से बात की है और उन्हें भारत की इस कार्रवाई की पूरी जानकारी दी है।

‘आज हमारे बेटे को सच्ची श्रद्धांजलि मिली’

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के एक रिश्तेदार मनोज द्विवेदी ने कहा, “22 अप्रैल को जब हमारे बेटे की जान गई, तब हमने कहा था कि देश में बदलाव आएगा। हमें पूरा भरोसा था कि पीएम मोदी आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कड़ा कदम उठाएंगे। आज हमारी सेना ने हमारे बेटे को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। इसके लिए मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूँ।”

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