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इंडिया एआई मिशन और गेट्स फाउंडेशन की नई साझेदारी: स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन में AI का उपयोग

भारत सरकार का इंडिया एआई मिशन अब गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित समाधान विकसित करने जा रहा है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस साझेदारी की पुष्टि की है और बताया कि दोनों संस्थाओं के बीच जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य भारत में AI को और अधिक उन्नत बनाना और इसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से लागू करना है।

बेहतर कृषि के लिए AI का उपयोग- AI का उपयोग करके कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादक और जलवायु-संवेदनशील फसलें विकसित की जा सकेंगी। इससे किसानों को बेहतर उपज और जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक संवेदनशीलता मिलेगी। AI तकनीकें फसल की वृद्धि, कीटों के प्रबंधन और जल संसाधनों के उपयोग में सुधार लाने में मदद करेंगी। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। AI आधारित समाधान किसानों को मौसम की भविष्यवाणी, मिट्टी की गुणवत्ता और फसल की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकेंगे।

स्वास्थ्य सेवा में सुधार – स्वास्थ्य क्षेत्र में, AI का उपयोग बीमारियों का शीघ्र पता लगाने और उनके प्रभावी इलाज के लिए किया जाएगा। यह तकनीक रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करने और उपचार के लिए व्यक्तिगत दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक होगी। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों को बेहतर देखभाल मिलेगी। AI का उपयोग रोगों की पहचान में तेजी लाने, चिकित्सा डेटा का विश्लेषण करने और उपचार के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करेगा। इससे न केवल मरीजों की देखभाल में सुधार होगा, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली की दक्षता भी बढ़ेगी।

शिक्षा में नवाचार – AI शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पर्सनलाइज्ड लर्निंग और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए AI का उपयोग किया जाएगा, जिससे छात्रों को उनकी जरूरतों के अनुसार शिक्षा मिल सकेगी। यह तकनीक शिक्षकों को भी छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगी। AI आधारित टूल्स छात्रों को उनकी गति और समझ के अनुसार अध्ययन सामग्री प्रदान करेंगे, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी। इससे शिक्षा प्रणाली में नवाचार और सुधार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ बैठक के बाद इस साझेदारी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत में AI को आत्मनिर्भर और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।भारत सरकार अब स्वदेशी कृत्रिम मेधा (Indigenous AI) और बड़े भाषा मॉडल (LLM) विकसित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। वैष्णव के अनुसार, वर्तमान में उपलब्ध ओपन-सोर्स AI तकनीक भविष्य में पूरी तरह से मुक्त नहीं रह सकती, इसलिए भारत के लिए अपना खुद का LLM विकसित करना बेहद जरूरी हो गया है। इसके अलावा, सरकार स्वदेशी GPU चिप के विकास पर भी कार्य कर रही है, जिससे भारत में AI की क्षमता और अधिक बढ़ेगी।यह साझेदारी न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर AI के विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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